Monday, November 24, 2025

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अमेरिकी प्रतिबंधों का असर: भारत का रूसी कच्चा तेल आयात 75% तक घटेगा

अमेरिका ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों — Rosneft और Lukoil — पर कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं, जो 21 नवंबर से प्रभावी हो चुके हैं। इन प्रतिबंधों का सीधा असर भारत पर पड़ने वाला है। फिलहाल भारत प्रतिदिन औसतन 17–18 लाख बैरल रूसी कच्चा तेल आयात कर रहा था, लेकिन दिसंबर–जनवरी तक यह गिरकर लगभग 4 लाख बैरल प्रतिदिन रह सकता है। यानी आयात में लगभग 75% की कटौती

रूस नवंबर तक भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल सप्लायर बना रहा है, और कुल आयात का करीब एक-तिहाई हिस्सा रूस से आता रहा है। यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप द्वारा रूसी तेल लगभग बंद करने से भारत व चीन को भारी डिस्काउंट पर तेल की आपूर्ति दो वर्षों में तेजी से बढ़ी थी — भारत का रूसी तेल हिस्सा 1% से बढ़कर 40% तक पहुंच गया था

 

कौन सी भारतीय कंपनियों ने आयात रोका?

नए प्रतिबंधों के मद्देनज़र Reliance Industries, HPCL–Mittal Energy और Mangalore Refinery ने Rosneft और Lukoil से तेल आयात अस्थायी रूप से रोक दिया है
केवल Nayara Energy आयात जारी रखे हुए है, क्योंकि इसकी वडीनर रिफाइनरी पहले से ही यूरोपीय प्रतिबंधों के दायरे में है और रूस से इसकी सप्लाई अधिक निर्भर है।

Reliance ने 20 नवंबर से अपनी SEZ रिफाइनरी में रूसी तेल लोडिंग बंद कर दी है, क्योंकि 1 दिसंबर से यूरोपीय यूनियन रूसी तेल से बने फ्यूल पर भी रोक लागू करने जा रहा है।

 

आयात पूरी तरह बंद नहीं होगा

अमेरिकी प्रतिबंध केवल Rosneft और Lukoil तक सीमित हैं।
रूस की अन्य कंपनियां — Surgutneftegaz, Gazprom Neft या स्वतंत्र ट्रेडर्स — यदि प्रतिबंधित जहाज, बैंक या सर्विस प्रोवाइडर का उपयोग न करें, तो भारत को आपूर्ति जारी रख सकते हैं
विशेषज्ञों के अनुसार रूस अब शैडो फ्लीट, मध्यस्थ व्यापारियों, शिप-टू-शिप ट्रांसफर और वैकल्पिक पेमेंट चैनलों का व्यापक उपयोग कर सकता है। सप्लाई जारी रहेगी, लेकिन पहले जितनी सीधे और पारदर्शी नहीं

 

तेल सस्ता न मिलने का असर

पिछले दो वर्षों में सस्ते रूसी तेल ने भारतीय रिफाइनरियों — Reliance, IOC, BPCL, HPCL — को मजबूत लाभ पहुँचाया, जिससे घरेलू पेट्रोल-डीजल कीमतें भी स्थिर रखी जा सकीं।
रूसी तेल कम होने पर भारत को सऊदी अरब, इराक, UAE, अमेरिका, ब्राज़ील और पश्चिम अफ्रीका से अधिक आयात करना पड़ेगा। तकनीकी रूप से इसमें कठिनाई नहीं है, लेकिन प्रॉफिट मार्जिन घटने की संभावना है।

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