अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन को लेकर मचे बवाल के बीच, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने रविवार को अमेरिका में अवैध भारतीयों की संख्या और हिरासत में लिए गए लोगों की स्थितियों के बारे में बात की। अमेरिकी अनुमानों का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि अमेरिका में 7,25,000 अवैध भारतीय हैं, जिनमें से 24,000 वर्तमान में हिरासत में हैं। इसके साथ उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत इन व्यक्तियों को अपमानजनक परिस्थितियों में वापस जाने की अनुमति देगा, जबकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘बेकार सम्मेलनों’ में भाग लेने के लिए दुनिया भर में यात्रा करना जारी रखते हैं।सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में मनीष तिवारी ने लिखा, ‘अमेरिकी अनुमानों के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में 7.25 लाख अवैध भारतीय हैं। 24,000 भारतीय अमेरिकी हिरासत शिविरों में हैं। 487 को अंतिम हिरासत आदेश दिए गए हैं। 487 में से 298 की पहचान भारतीयों के रूप में की गई है।’ अपने पोस्ट में उन्होंने आगे कहा गया, ‘क्या 7.25 लाख भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर उनके बुनियादी मानवाधिकारों और गरिमा से वंचित करके अमेरिकी सैन्य विमानों में वापस भारत भेज दिया जाएगा, जबकि विदेश मंत्री जयशंकर दुनिया भर में बेकार के सम्मेलनों में भाग ले रहे हैं?’ इससे पहले शुक्रवार को, कांग्रेस नेता ने अमेरिका से भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर लोकसभा में जयशंकर की तरफ से दिए गए बयान की भी आलोचना की थी और उन पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से हथकड़ी और बेड़ियों के इस्तेमाल का ‘बचाव’ करने का आरोप लगाया था, इसे ‘बहुत चौंकाने वाला और बेहद परेशान करने वाला’ कहा था। मनीष तिवारी ने आगे कहा कि उनका बयान भारत के विदेश मंत्री के बयान की तुलना में ‘अमेरिकी सरकार के मध्यम स्तर के अधिकारी’ के साथ अधिक जुड़ा हुआ लग रहा था। उनके बयान में जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘वे अमेरिकी दस्तावेजों को सदन के पटल पर रखेंगे और उन्हें प्रमाणित भी करेंगे, उनकी मंशा पर गंभीर सवाल उठाता है कि भारत सरकार की चिंता कहां है।’ बता दें कि, अमेरिका में ‘अवैध रूप से अप्रवासी’ भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी वायु सेना का विमान बुधवार को पंजाब के अमृतसर पहुंचा। अमृतसर में उतरे विमान में कुल 104 भारतीय नागरिक सवार थे। विपक्षी दलों ने संसद के अंदर और बाहर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि निर्वासित भारतीयों को अमेरिकी सैन्य विमान में ‘अमानवीय तरीके’ से लाया गया था और आरोप लगाया कि उनके साथ ‘बुरा व्यवहार किया गया और उन्हें हथकड़ी लगाई गई।’