वॉशिंगटन/कराकस। लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला और अमेरिका के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने एक महीने में पांचवीं बार वेनेजुएला की नौका को निशाना बनाया है। अमेरिकी नौसेना ने दावा किया कि यह कार्रवाई अवैध हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए की गई। हालांकि, कराकस ने इसे संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए तीव्र आपत्ति जताई है।
घटना पर रूस ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मॉस्को ने वॉशिंगटन को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की सैन्य गतिविधियां न केवल क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
अमेरिकी नौसेना का दावा
अमेरिकी नौसेना के अनुसार, यह ऑपरेशन कैरिबियन सागर में अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र के पास चलाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि नौका पर हथियारों और ड्रग्स की संदिग्ध खेप ले जाने की जानकारी मिली थी। नौका को रोकने की कोशिश के दौरान “आवश्यक बल प्रयोग” किया गया, जिससे उसे नुकसान पहुंचा।
अमेरिकी दक्षिणी कमान (यूएस साउथकॉम) ने बयान में कहा, “हमारी कार्रवाई का उद्देश्य क्षेत्र में तस्करी, अवैध व्यापार और आतंकवाद के नेटवर्क को समाप्त करना है। यह कोई आक्रामक कदम नहीं, बल्कि सुरक्षा मिशन है।”
वेनेजुएला का विरोध
दूसरी ओर, वेनेजुएला सरकार ने इस कार्रवाई को “नौसैनिक आक्रमण” करार दिया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका लगातार क्षेत्र में उकसावे वाली गतिविधियां कर रहा है और उसकी यह नीति “अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” है।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री यवां गिल ने कहा, “अमेरिका हमारे जलक्षेत्र में बार-बार घुसपैठ कर हमारी संप्रभुता को चुनौती दे रहा है। यह क्षेत्र की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की है।
रूस ने अमेरिका को दी चेतावनी
रूस ने अमेरिकी कार्रवाई को लेकर चिंता जताई है। मॉस्को स्थित विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, “हम अमेरिका की इस आक्रामक नीति की निंदा करते हैं। यह कदम कैरिबियन क्षेत्र में तनाव बढ़ाएगा और शांति प्रक्रिया को कमजोर करेगा।”
रूसी अधिकारियों ने यह भी कहा कि यदि अमेरिका इसी तरह की एकतरफा सैन्य कार्रवाइयां जारी रखता है, तो रूस वेनेजुएला के हितों की रक्षा के लिए “राजनयिक और रणनीतिक समर्थन” देने पर विचार कर सकता है।
पृष्ठभूमि
पिछले एक महीने में अमेरिका द्वारा की गई यह पांचवीं नौसैनिक कार्रवाई है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह टकराव अमेरिका की सख्त विदेश नीति और वेनेजुएला की रूस-चीन के साथ बढ़ती नजदीकी का परिणाम है।
वेनेजुएला लंबे समय से अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, जबकि रूस और चीन उसके प्रमुख आर्थिक और रक्षा सहयोगी बन चुके हैं। विश्लेषकों का मानना है कि अगर ऐसे टकराव जारी रहे, तो यह विवाद कैरिबियन सागर से आगे वैश्विक कूटनीतिक टकराव का रूप भी ले सकता है।


