वॉशिंगटन। अमेरिका में संघीय शटडाउन का संकट 35वें दिन में प्रवेश कर गया है, लेकिन राजनीतिक गतिरोध अब भी जस का तस है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कांग्रेस के बीच सीमा सुरक्षा बजट को लेकर जारी टकराव ने न केवल सरकारी कामकाज ठप कर दिया है, बल्कि लाखों कर्मचारियों के जीवन को भी प्रभावित कर रहा है। स्थिति यह है कि अब ट्रंप प्रशासन के नाम अमेरिकी इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन दर्ज होने के संकेत हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, व्हाइट हाउस और डेमोक्रेट सांसदों के बीच दीवार निर्माण के फंड को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। राष्ट्रपति ट्रंप अपने चुनावी वादे के तहत मेक्सिको सीमा पर सुरक्षा दीवार के लिए 5.7 अरब डॉलर की मांग पर अड़े हैं, जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी इसे “अवास्तविक” बताकर अस्वीकार कर चुकी है। परिणामस्वरूप, संघीय बजट पारित नहीं हो सका और अधिकांश गैर-जरूरी सरकारी विभागों का संचालन ठप है।
शटडाउन की वजह से करीब 8 लाख संघीय कर्मचारी या तो बिना वेतन काम कर रहे हैं या मजबूरन छुट्टी पर भेजे गए हैं। वेतन के अलावा अब आवश्यक नागरिक सहायता योजनाएं भी प्रभावित हो रही हैं। सप्लीमेंटल न्यूट्रिशन असिस्टेंस प्रोग्राम (SNAP), जिसके तहत लाखों अमेरिकी परिवारों को खाद्य सहायता मिलती है, अब फंड की कमी से जूझ रहा है।
अमेरिकी मीडिया के अनुसार, यदि गतिरोध और लंबा खिंचा, तो SNAP समेत कई अन्य सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के संचालन पर गंभीर असर पड़ेगा। यही नहीं, परिवहन, कृषि, शिक्षा और न्याय विभागों में भी कार्यभार प्रभावित हो रहा है।
विश्लेषकों का कहना है कि यह शटडाउन न केवल प्रशासनिक संकट है, बल्कि अमेरिका की आर्थिक वृद्धि पर भी असर डाल सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, लगातार सरकारी बंदी से चौथी तिमाही के GDP में गिरावट संभव है।
राजनीतिक रूप से भी यह स्थिति राष्ट्रपति ट्रंप के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। विपक्ष जहां इस संकट को “विफल नेतृत्व” करार दे रहा है, वहीं ट्रंप समर्थक इसे सीमा सुरक्षा के लिए आवश्यक संघर्ष बता रहे हैं।
अभी तक किसी भी पक्ष ने समझौते के संकेत नहीं दिए हैं, जिससे आम जनता की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। यदि शीघ्र समाधान नहीं निकला, तो यह शटडाउन न केवल ट्रंप प्रशासन का सबसे लंबा बल्कि सबसे महंगा सरकारी ठपाव भी साबित हो सकता है।





