अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ऑपरेशन सिंदूर पर लगातार बयान दे कर भारत सरकार को असहज किया और अब उन्होंने भारत के आर्थिक हितों पर ही परोक्ष तौर पर हमला बोल दिया है। पिछले हफ्ते अपनी खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान उन्होंने एप्पल को साफ कहा था कि वो भारत में अपनी फैक्ट्री न लगाए। तब ट्रंप के बयान के बाद एप्पल ने भारत सरकार के अधिकारियों को आश्वस्त किया था कि उसकी भारत में प्रस्तावित निवेश योजना में किसी तरह के बदलाव की कोई योजना नहीं है। हाल ही में एप्पल ने कहा है कि वह अमेरिका में बेचे जाने वाले सभी आईफोन का निर्माण भारत में करेगी। इसके लिए वह चीन स्थिति अपनी फैक्ट्री से उत्पादन को भारत स्थानांतरित करेगी। ट्रंप के बयान पर भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जानकार मान रहे हैं कि उनका लगातार भारत को लेकर दिया जाने वाला बयान भारत-अमेरिका के रिश्तों में अनावश्यक तौर पर एक असहज स्थिति पैदा कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान को कारोबार के लिए एक ही श्रेणी में पेश करने की ट्रंप की बार-बार कोशिशें भारत की वैश्विक साख के प्रतिकूल हैं। अब एप्पल के भारतीय निवेश योजना पर चंद दिनों के अंतराल में ही दोबारा बयान दे कर अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि एप्पल की योजना में अड़ंगा डालने को लेकर वह गंभीर हैं।
जाहिर तौर पर ट्रंप का यह रूख न केवल एप्पल के निवेश बल्कि वैश्विक अन्य कंपनियों के निवेश को भी प्रभावित करेगा। भारत के आर्थिक हितों को नजरअंदाज करने संबंधी ट्रंप का यह बयान तब आया है जब भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय कारोबारी समझौते (बीटीए) को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। भारतीय अधिकारियों ने बताया है कि बीटीए के पहले चरण को लेकर एक समझौता जुलाई, 2025 में भी हो सकती है।ट्रंप ने आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल को सीधे तौर पर धमकी दी है कि अगर उसने भारत समेत किसी भी अन्य देश में निर्मित आइफोन अमेरिका मंगाया तो उसे कम से कम 25 फीसद का टैक्स देना होगा। यह कुछ ही दिनों के अंतराल में अमेरिकी राष्ट्रपति का दूसरा बयान है जिसमें वह एप्पल को भारत में अपनी फैक्ट्री नहीं लगाने के लिए दबाव बना रहे हैं।