Saturday, November 15, 2025

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अमित शाह का बड़ा बयान: “उत्पीड़ित हिंदू शरणार्थियों का देश में स्वागत, लेकिन अवैध घुसपैठ बर्दाश्त नहीं”

नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सीमा सुरक्षा और नागरिकता नीति पर दो टूक बयान देते हुए कहा है कि भारत उन हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों का स्वागत करेगा जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण पड़ोसी देशों से भारत आए हैं। लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध घुसपैठ और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार का रुख साफ है — “जो लोग अत्याचार और उत्पीड़न से बचने के लिए भारत में शरण लेने आते हैं, उन्हें यहां सम्मान और सुरक्षा दी जाएगी। लेकिन जो लोग अवैध तरीके से सीमा पार कर घुसपैठ करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
सीएए और सीमा सुरक्षा पर सरकार का रुख स्पष्ट
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों को राहत देने के उद्देश्य से बनाया गया है।
अमित शाह ने कहा,
“भारत किसी पर अत्याचार नहीं करेगा, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा से कभी समझौता भी नहीं करेगा। सीएए उन लोगों के लिए है जो उत्पीड़न से बचकर भारत आए हैं — यह किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि देश की सीमाओं पर निगरानी को और मजबूत किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और खुफिया एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि अवैध घुसपैठ की किसी भी कोशिश पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
“मानवता और राष्ट्रीय सुरक्षा — दोनों पर समान जोर”
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार मानवता और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश में बसे उन शरणार्थियों को जो दशकों से यहां रह रहे हैं और भारत की संस्कृति से जुड़े हैं, उन्हें अब डरने की जरूरत नहीं है।
“हम उन सभी शरणार्थियों को नागरिकता देने के पक्ष में हैं जो धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए हैं। लेकिन जो लोग देश की सीमा तोड़कर गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करते हैं, वे किसी भी तरह की सहानुभूति के पात्र नहीं हैं,” शाह ने कहा।
विपक्ष पर निशाना
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे सीएए और सीमा सुरक्षा को लेकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि मानवता के पक्ष में है।
गृह मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार देशभर में नागरिकता कानून और सीमा सुरक्षा उपायों को और सख्त बनाने पर जोर दे रही है। शाह ने अपने संदेश में साफ कहा कि “भारत शरण देने वाला देश है, लेकिन घुसपैठियों के लिए जगह नहीं है।”

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