Thursday, March 20, 2025

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अब मिसाइल हमले में भी सुरक्षित रहेंगे भवन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा संरचनात्मक ढांचा विकसित किया है जो बैलिस्टिक मिसाइलों के आघात को सहन करने में सक्षम होगा। आमतौर पर बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले से बुनियादी ढांचे को भारी क्षति होती है। यह नया ढांचा मजबूत कंक्रीट (आरसी) पैनलों की बैलिस्टिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए एक प्रभावी समाधान प्रदान करेगा। आईआईटी मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अलगप्पन पोन्नालागु और रिसर्च स्कॉलर रूफ उन नबी डार ने इस अध्ययन में पेनेट्रेशन और क्रेटर डैमेज एरिया के आधार पर नए डिजाइन पैरामीटर्स का विकास किया। इसके अलावा आरसी पैनलों में क्रेटर के व्यास का अनुमान लगाने के लिए एक संभावित मॉडल भी प्रस्तुत किया। इस तकनीक से निर्मित भवन या आधारभूत ढांचे मिसाइल हमले को झेलने में सक्षम होंगे। इस अध्ययन को रिलायबिलिटी इंजीनियरिंग एंड सिस्टम सेफ्टी जर्नल में प्रकाशित किया गया है।  डॉ. पोन्नालागु के अनुसार वर्तमान समय में जब सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं, कंक्रीट संरचनाओं के लिए बैलिस्टिक डिजाइनिंग अत्यंत आवश्यक हो गई है।शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन से न केवल बैलिस्टिक डिजाइनिंग को एक स्पष्ट ढांचा मिलेगा बल्कि आरसी पैनलों की बैलिस्टिक प्रतिक्रिया को समझने में भी सहायता मिलेगी। आगे के शोध में वैज्ञानिकों का लक्ष्य हल्के, किफायती और टिकाऊ विस्फोट रोधी तथा बैलिस्टिक प्रतिरोधी मॉड्यूलर पैनल विकसित करना है।

शोधकर्ताओं ने कम्प्यूटेशनल सिमुलेशन के माध्यम से मजबूत कंक्रीट पर मिसाइलों के प्रभाव का विश्लेषण किया। मजबूत कंक्रीट का उपयोग मुख्य रूप से सैन्य बंकरों, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, पुलों और हवाई पट्टियों जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं के निर्माण में किया जाता है। इनका रणनीतिक महत्व होने के कारण इन्हें पूरी तरह से नष्ट होने से बचाना आवश्यक है।

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