राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापक टैरिफ ने वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ा दी है। चीन के बाद अब जापान व यूरोपीय संघ (ईयू) ने भी अमेरिका पर जवाबी शुल्क (टैरिफ) लगाने का फैसला किया है। अमेरिकी मित्र देश जापान के पीएम ने कहा, टैरिफ ने राष्ट्रीय संकट पैदा कर दिया है जबकि यूरोपीय संघ ने भी ट्रंप को चेता दिया है कि उनके पास टैरिफ का सामना करने के लिए मजबूत उपाय हैं। निवेश बैंक जेपी मॉर्गन ने कहा है कि उसे वर्ष के अंत तक वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की 60% आशंका दिखती है। इसके चलते दुनिया भर के देशों ने अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध छेड़ने की धमकी दे डाली है। वैश्विक मंदी की यह आशंका पहले 40% थी। व्हाइट हाउस की ओर से इस बारे में परस्पर विरोधी संदेश दिए। उसने यह स्पष्ट नहीं किया कि टैरिफ स्थायी होने के लिए हैं या रियायतें जीतने की एक रणनीति है। ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने के एक दिन बाद कनाडा के पीएम मार्क कार्नी ने कहा, अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के चैंपियन के रूप में अपनी ऐतिहासिक भूमिका को त्याग दिया है। उन्होंने जवाबी उपाय अपनाते हुए ऑटो क्षेत्र में टैरिफ लगा दिया। ट्रंप की महंगाई व अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले निकाय ‘रोसेनब्लैट सिक्योरिटीज’ के अनुसार, यदि एपल ने उपभोक्ताओं पर लागत डाली तो एक हाई-एंड आईफोन की कीमत 2,300 डॉलर (करीब 2 लाख रुपये) हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, मंदी के इस दौर में टैरिफ एक ग्लोबल आउटलुक जोखिम दर्शाता है। उन्होंने कहा, इस तरह के कदमों से बचना महत्वपूर्ण है जो विश्व अर्थव्यवस्था को और नुकसान पहुंचा सकते हैं। आईएमएफ इस महीने के आखिर में वाशिंगटन में होने वाली स्प्रिंग मीटिंग के लिए अपना नया दृष्टिकोण प्रकाशित करेगा, जिसमें अभूतपूर्व अमेरिकी ट्रेड टैरिफ का मुद्दा सबसे ऊपर होगा।