Tuesday, July 1, 2025

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अफ्रीकी देश अल्जीरिया पहुंचा भारतीय शिष्टमंडल; छह अन्य टीमों का कूटनीतिक अभियान भी जारी

जकार्ता से आए भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य राजस्थान के पुनीत बक्शी ने कहा कि आज युद्ध केवल हथियारों का नहीं, बल्कि सूचना का भी है। भारत सरकार के लिए पाकिस्तान द्वारा फैलाई जा रही झूठी कहानी को स्पष्ट करना बहुत महत्वपूर्ण था और उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के माध्यम से अपना उद्देश्य प्राप्त कर लिया है, जिसने हमारे सभी संदेहों को दूर कर दिया है।

कोलंबिया के बोगोटा में भाजपा सांसद शशांक मणि कहते हैं कि जब 26/11 हुआ और मुंबई में 173 नागरिकों की निर्मम हत्या की गई, मैं उस शहर में था। अगर हम पूरी दुनिया के रूप में आतंकवाद के खिलाफ एकजुट नहीं होते हैं, तो यह जारी रहेगा। आज और कल की बैठक में हमने दोनों देशों के बीच जबरदस्त संस्कृति और सौहार्द देखा।

फ्रीटाउन में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि जहां तक पाकिस्तान जैसे देशों का सवाल है, वे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश हैं। वे छद्म युद्ध छेड़ने के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं और सोचते हैं कि आतंकवाद ही उनके लिए आगे बढ़ने का रास्ता है, तो अब समय आ गया है कि उन्हें कूटनीतिक रूप से अलग-थलग कर दिया जाए। उन्हें नैतिक रूप से जवाब दिया जाए और भारत रणनीतिक रूप से उन्हें जवाब देना जारी रखेगा।

फ्रीटाउन में शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ, तो आतंकवादियों ने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें मार डाला। यह पता लगाने के बाद कि वे हिंदू हैं या गैर-मुस्लिम, उन्हें गोली मार दी गई। आतंकवादियों और पाकिस्तान का उद्देश्य भारत में क्षेत्रीय सद्भाव को अस्थिर करना था। चूंकि सिएरा लियोन बहुत धर्मनिरपेक्ष और प्रगतिशील है, इसलिए संसद में विभिन्न धर्मों के लोगों का प्रतिनिधित्व है। धर्म के नाम पर हो रहे आतंकवाद को रोकना होगा।

कोलंबिया में भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जब पहलगाम की घटना हुई, आतंकवादी हमला हुआ और भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो कोलंबियाई अधिकारियों, कोलंबियाई विदेश मंत्रालय ने बहुत ही आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित रूप से पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया। यह बहुत निराशाजनक और अप्रत्याशित भी था। शायद यह पहलगाम में वास्तव में जो कुछ हुआ उसके तथ्यात्मक मैट्रिक्स की समझ की कमी के कारण था और भारत को इस तरह से प्रतिक्रिया क्यों करनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि पर्यटकों की हत्या और आतंकवादियों के मारे जाने में अंतर है। आप दोनों के बीच समानता नहीं बना सकते। उप मंत्री और अधिकारियों ने हमारे तर्कों में दम देखा और वे इतने दयालु थे कि उन्होंने पहले जो बयान दिया था उसे वापस ले लिया। उन्होंने भारत की स्थिति के प्रति पूरी सहानुभूति और समझ भी व्यक्त की।

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा, डेनमार्क द्वारा की गई टिप्पणियां भारत के प्रति उनका समर्थन बताती हैं। अकबर ने कहा, उनकी टिप्पणियां यह दिखाने के लिए पर्याप्त थीं कि पीएम मोदी द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल का मिशन प्रभाव डाल रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री, कांग्रेस नेता और सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों में एक के सदस्य सलमान खुर्शीद ने कहा, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत को लौटाया जाना चाहिए। खुर्शीद ने कहा, बातचीत तभी हो सकती है जब पाकिस्तान की शांति के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट हो, जिसमें सिंधु जल संधि पर बातचीत भी शामिल है। उन्होंने इंडोनेशियाई नेताओं से चर्चा करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के साथ ही जम्मू-कश्मीर को शेष भारत से अलग मानने की धारणा समाप्त हो गई है।

कई देशों के सफल दौरे के बाद भाजपा के वरिष्ठ सांसद बैजयंत पांडा की अगुवाई वाला सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भारत के कूटनीतिक अभियान के तहत उत्तरी अफ्रीकी देश अल्जीरिया पहुंचा है। इस देश में भी पांडा और अन्य सांसदों समेत पूर्व राजनयिकों ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की मुहिम को मजबूती से सामने रखा।

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं कि अब किसी भी दहशतगर्द के कायराना कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि भारत किसी भी आतंकी वारदात को ‘एक्ट ऑफ वॉर’ की तरह समझेगा और माकूल जवाब दिया जाएगा। इसी नीति से पूरी दुनिया को अवगत कराने की कवायद के तहत सरकार ने सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों का गठन किया है। भारत से अब तक छह शिष्टमंडल रूस, जापान, यूएई, कतर और गुयाना जैसे देशों में जाकर अलग-अलग मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब कर चुके हैं।

दहशतगर्दों के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई से तिलमिलाए पड़ोसी देश पाकिस्तान ने खुद को पीड़ित बताने के लिए दुष्प्रचार का सहारा लिया है। बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की नृशंस हत्या हुई। इसके बाद से ही बीते एक महीने में पाकिस्तान के कई नेता-राजनयिकों ने विदेशी मीडिया के सहारे भारत के खिलाफ जमकर प्रोपेगेंडा किया है। पाकिस्तान के कुत्सित प्रयासों के खिलाफ भारत के सांसद मुखर होकर टिप्पणी कर रहे हैं। अलग-अलग दलों के होने के बावजूद सांसदों ने एक स्वर में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति को पूरी दुनिया के सामने स्पष्टता से रखा है।

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