इस्लामाबाद/काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में जारी तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंचता दिख रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर हवाई हमला किया, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति और गहरी हो गई। इस घटनाक्रम पर अमेरिका के पूर्व राजदूत जाल्मे खलीलजाद ने गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने पाकिस्तान के इस कदम को “खतरनाक और अस्थिर करने वाला” बताया और चेतावनी दी कि दोनों देशों को तत्काल बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए, क्योंकि युद्ध किसी भी पक्ष के हित में नहीं होगा।
खलीलजाद बोले— “पाकिस्तान का हमला बड़ा खतरा”
पूर्व अमेरिकी राजदूत खलीलजाद, जो अफगानिस्तान में अमेरिका के विशेष दूत रह चुके हैं, ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर लिखा—
“पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता सैन्य तनाव किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। बातचीत ही एकमात्र रास्ता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि दुरंड लाइन के दोनों ओर मौजूद आतंकवादी गुटों के खिलाफ इस्लामाबाद और काबुल को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए, न कि एक-दूसरे पर हमले कर स्थिति को और विस्फोटक बनाना चाहिए।
“दोनों देशों की दोहरी नीतियां नुकसानदेह”
खलीलजाद ने अपने बयान में आरोप लगाया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान और बलूच अलगाववादियों के खिलाफ आईएसआईएस जैसे संगठनों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दे रहा है, जबकि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सक्रिय टीटीपी (तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को छूट दे रही है।
उन्होंने कहा, “यह दोहरा रवैया दोनों देशों को गहरे नुकसान में ले जाएगा। आतंकवाद से निपटने के लिए साझा रणनीति ही आगे का रास्ता हो सकती है।”
काबुल में गूंजा धमाका, अफगान सरकार ने कही ‘जांच जारी’
काबुल में हुए पाकिस्तानी हमले के बाद अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने बताया कि शहर में एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई, लेकिन अब तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि “जांच जारी है” और नागरिकों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की सख्त चेतावनी
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने संसद में कहा था कि यदि पाकिस्तान के सुरक्षा बलों या सीमाई ठिकानों पर कोई हमला हुआ, तो “जवाबी कार्रवाई में होने वाले नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अब काफी संयम दिखाया है, लेकिन “अब बहुत हो चुका है।”
अफगान मंत्री के भारत दौरे के बीच बढ़ा तनाव
यह पूरा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी भारत के दौरे पर हैं। 9 से 16 अक्टूबर तक चलने वाली यह यात्रा तालिबान सरकार के किसी वरिष्ठ प्रतिनिधि की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा है, जो 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता वापसी के बाद हो रही है।
क्षेत्रीय स्थिरता पर मंडराया खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि काबुल पर पाकिस्तान के हमले से दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है। अफगानिस्तान पहले ही आर्थिक संकट और आतंकवाद से जूझ रहा है, वहीं पाकिस्तान भी राजनीतिक अस्थिरता और आतंरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव पूरे क्षेत्र के लिए गंभीर सुरक्षा संकट साबित हो सकता है।
विश्लेषकों की राय: “खलीलजाद की चेतावनी को दोनों देशों को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि यदि यह तनाव बढ़ा तो इसका असर न केवल अफगान-पाक सीमा तक, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई भू-राजनीतिक संतुलन पर पड़ेगा।”
अफगानिस्तान-पाकिस्तान तनाव: काबुल पर पाकिस्तान के हमले से बढ़ा विवाद, पूर्व अमेरिकी राजदूत खलीलजाद ने दी चेतावनी— ‘युद्ध नहीं, बातचीत ही समाधान’





