केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि अपराध और अपराधी भौगौलिक सीमाओं को नहीं मानते हैं, इसलिए लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों को भी इन बॉर्डर्स को बाधा नहीं मानना चाहिए। एजेंसियों को इन बॉर्डर्स को अपराध का हल निकालने के लिए मीटिंग पॉइंट के तौर पर देखना चाहिए।
शाह ने ये बात दिल्ली में आयोजित कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन (CLEA)- कॉमनवेल्थ अटॉर्नीज एंड सॉलिसिटर जनरल कॉन्फ्रेंस (CASGC) में कहीं। उन्होंने कहा कि जैसे ही तीन नए क्रिमिनल जस्टिस लॉ देश में लागू हो जाएंगे, तो हर व्यक्ति को FIR दर्ज कराने के तीन साल के अंदर हाईकोर्ट के स्तर तक न्याय मिलेगा।