महाभियोग झेल रहे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल गुरुवार को दो अदालतों में पेश हुए। यून सुक योल के खिलाफ देश में आपातकाल लागू करने के मामले में सुनवाई चल रही है। साथ ही यून सुक योल ने उनके खिलाफ चल रही महाभियोग कार्रवाई को भी चुनौती दी है। एक मामला आपराधिक है और दूसरा महाभियोग से जुड़ा है। दोनों मामलों की सुनवाई अलग-अलग अदालत में चल रही है। गुरुवार को कड़ी सुरक्षा के बीच यून सुक योल को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया। बीते साल दिसंबर में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने देश में मार्शल लॉ लागू करने का एलान किया था। हालांकि जनता और विपक्ष के भारी विरोध के बाद कुछ घंटे बाद ही सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था। राष्ट्रपति यून सुक योल ने दावा किया कि देश को उत्तर कोरिया और देश विरोधी ताकतों से खतरा है। हालांकि विपक्ष और जनता ने इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया। मार्शल लॉ लगाने के कुछ घंटे बाद ही हजारों लोग दक्षिण कोरियाई संसद के सामने इकट्ठा हो गए और मार्शल लॉ को लागू करने के फैसले को निरस्त करने की मांग की। भारी दबाव के बाद राष्ट्रपति को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। यून सुक योल की अपनी पार्टी और विपक्षी पार्टियों ने भी यून सुक योल के फैसले को गलत बताया। मार्शल लॉ में देश का शासन सेना के हाथ में आ जाता है। यून के साथ ही दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी की पूर्व उप-निदेशक होंग जोंग वोन को भी अदालत में पेश किया गया। देश में मार्शल लॉ लगाने और उसे वापस लेने के फैसले के बाद 14 दिसंबर को दक्षिण कोरिया की संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू की गई। योल को बीते महीने गिरफ्तार किया गया था।