नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजधानी दिल्ली स्थित अटल जी के स्मारक ‘सदैव अटल’ पर आयोजित प्रार्थना सभा में पीएम मोदी ने उनके महान व्यक्तित्व को याद करते हुए कहा कि श्रेष्ठता किसी पद की मोहताज नहीं होती, बल्कि यह व्यक्ति के आचरण और मूल्यों से स्थापित होती है।
‘सदैव अटल’ पर श्रद्धासुमन अर्पित
सुबह तड़के ही प्रधानमंत्री मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेताओं ने स्मारक पहुंचकर पुष्प अर्पित किए।
- भक्तिमय वातावरण: इस दौरान स्मारक परिसर में आयोजित सर्वधर्म प्रार्थना सभा में अटल जी के प्रिय भजनों और कविताओं का पाठ किया गया।
- पीएम का संदेश: प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी देशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अटल जी का पूरा जीवन राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित था और उनका विजन आज भी विकसित भारत के संकल्प को नई ऊर्जा दे रहा है।
अटल जी के विचारों की प्रासंगिकता
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि राजनीति में सुशासन (Good Governance) की नींव अटल जी ने ही रखी थी।
- आचरण सर्वोपरि: प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में संदेश दिया कि कोई व्यक्ति अपने पद से नहीं, बल्कि अपने नैतिक आचरण, विनम्रता और देश के प्रति समर्पण से समाज में ऊंचा स्थान प्राप्त करता है। अटल जी इसका सबसे जीवंत उदाहरण थे।
- सुशासन दिवस: भारत सरकार अटल जी की जयंती को ‘सुशासन दिवस’ (Good Governance Day) के रूप में मना रही है, जिसका उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
देशभर में कार्यक्रमों का आयोजन
अटल जी की जयंती के उपलक्ष्य में केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
- काव्य गोष्ठियां: कई राज्यों में उनकी प्रसिद्ध कविताओं के पाठ के माध्यम से उन्हें याद किया जा रहा है।
- जन कल्याणकारी योजनाएं: केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा आज के दिन कई नई जनहित योजनाओं का शुभारंभ और विस्तार किया जा रहा है।
- संकल्प: भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस अवसर पर ‘सेवा पखवाड़े’ के तहत जनसेवा के कार्य करने का संकल्प लिया है।
अटल बिहारी वाजपेयी न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक प्रखर वक्ता और संवेदनशील कवि भी थे। परमाणु परीक्षण से लेकर बुनियादी ढांचे (स्वर्णिम चतुर्भुज) तक, देश के विकास में उनके योगदान को आज कृतज्ञ राष्ट्र याद कर रहा है। पीएम मोदी ने उन्हें ‘मां भारती का अनमोल रत्न’ बताते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की।





