नई दिल्ली। देश में इस साल मॉनसून के बेहतर प्रदर्शन का सीधा असर कृषि क्षेत्र पर देखने को मिल रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री अरुण कुमार चौहान ने सोमवार को बताया कि इस वर्ष खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि “इस बार समय पर और समान रूप से हुई बारिश ने खेती को मजबूती दी है, जिससे किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद है।”
अच्छी बारिश से खेती को मिला सहारा
कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के अधिकांश राज्यों में मॉनसून सामान्य या उससे बेहतर रहा। विशेष रूप से मध्य भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में पर्याप्त वर्षा के कारण धान, मक्का, सोयाबीन और कपास की बुवाई में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई।
मंत्री चौहान ने कहा कि “मॉनसून के समान वितरण और जलभराव की स्थिति नियंत्रित रहने से इस बार खेती की स्थिति उत्साहजनक है। किसानों को बारिश का पूरा लाभ मिला है। यह आने वाले रबी सीजन के लिए भी शुभ संकेत है।”
धान और तिलहन की बुवाई में सबसे अधिक वृद्धि
आंकड़ों के मुताबिक, इस साल धान का रकबा करीब 3.2 लाख हेक्टेयर, जबकि तिलहन फसलों का रकबा लगभग 1.8 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। दलहन और मोटे अनाजों के तहत आने वाले क्षेत्र में भी मामूली वृद्धि देखी गई है। मंत्रालय का कहना है कि यह बढ़ोतरी किसानों के बढ़ते विश्वास और कृषि संसाधनों की उपलब्धता को दर्शाती है।
सरकार की योजनाओं का असर दिखा
कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाएं जैसे प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना, परंपरागत कृषि विकास योजना और माइक्रो-इरिगेशन मिशन ने किसानों को जोखिम से बचाने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। “आज किसान तकनीकी रूप से अधिक जागरूक हैं और खेती के नए तरीकों को अपना रहे हैं,” उन्होंने कहा।
भंडारण और विपणन की तैयारी
मंत्री चौहान ने बताया कि खरीफ सीजन की संभावित अच्छी पैदावार को देखते हुए सरकार ने राज्यों के साथ मिलकर भंडारण और विपणन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मंडियों में खरीद व्यवस्था को और सुचारू करने और किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।





