भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आने वाले महीनों में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने जा रहा है। इसरो ने घोषणा की है कि अगले पांच महीनों में सात अहम मिशन पूरे किए जाएंगे। संगठन ने साथ ही अगले पांच वर्षों में 50 रॉकेट लॉन्च करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ के नेतृत्व में जारी इस अभियान के तहत आने वाले महीनों में वैज्ञानिक उपग्रहों, नेविगेशन और मौसम उपग्रहों के अलावा मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ की तैयारियों को भी अंतिम रूप दिया जाएगा। इसरो के वरिष्ठ वैज्ञानिक और पूर्व अध्यक्ष डॉ. एन. नारायणन ने कहा कि “भारत अब अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के वैश्विक मंच पर आत्मनिर्भर और अग्रणी भूमिका निभा रहा है। आने वाले पांच वर्षों में हम कम से कम 50 लॉन्च करने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”
डॉ. नारायणन के अनुसार, इन सात मिशनों में PSLV, GSLV और SSLV जैसे रॉकेट शामिल होंगे। इनमें कुछ मिशन वाणिज्यिक होंगे, जबकि कुछ भारत के वैज्ञानिक और सामरिक उद्देश्यों से जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि इसरो अब निजी क्षेत्र और स्टार्टअप कंपनियों के साथ मिलकर अंतरिक्ष नवाचार को गति देने पर काम कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, आगामी महीनों में चंद्रमा और सौर मिशनों की निरंतर निगरानी के लिए विशेष उपग्रह भी लॉन्च किए जाएंगे। साथ ही, छोटे उपग्रह प्रक्षेपण यान (SSLV) की श्रृंखला को और बेहतर बनाने की दिशा में कार्य चल रहा है।
डॉ. नारायणन ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़ रही है और अगले दशक में यह विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष बाजारों में शामिल हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि इसरो का उद्देश्य केवल लॉन्च की संख्या बढ़ाना नहीं, बल्कि मिशनों की दक्षता और वैज्ञानिक उपयोगिता में भी सुधार करना है।
अंतरिक्ष विशेषज्ञों का मानना है कि इसरो के ये मिशन भारत की तकनीकी क्षमता और वैश्विक नेतृत्व को नए आयाम देंगे। आने वाले महीनों में भारत का अंतरिक्ष कैलेंडर बेहद व्यस्त और ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
‘अगले पांच महीने में सात मिशन पूरे करेगा इसरो’, नारायणन बोले- पांच साल में 50 रॉकेट लॉन्च करने का लक्ष्य


