Monday, June 16, 2025

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‘अगर हिम्मत है, तो कल चुनाव में उतरें’, CM ममता ने PM मोदी को दी चुनौती

पीएम मोदी के ममता सरकार पर करारे वार के बाद राज्य में एक बार फिर वाक् युद्ध शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने जहां मुर्शिदाबाद हिंसा और मालदा की घटना को लेकर टीएमसी सरकार को घेरा वहीं ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इतना ही नहीं सूबे की मुखिया ममता बनर्जी ने पीएम पर पलटवार करते हुए उन्हें चुनाव में उतरने की चेतावनी तक दे डाली। ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी की मौजूदगी में उनके मंत्री कह रहे हैं कि अब वे ऑपरेशन सिंदूर की तरह ऑपरेशन बंगाल करेंगे। मैं उन्हें चुनौती देती हूं अगर उनमें हिम्मत है, तो कल चुनाव में उतरें।

अलीपुरद्वार में प्रधानमंत्री की रैली के बाद बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मोदी की नीति फूट डालो और राज करो की है। इस दौरान ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र ने लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का नाम रखा है।

वहीं, पीएम मोदी के बयान पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी ने आज जो कहा, उसे सुनकर हम न केवल स्तब्ध हैं, बल्कि बहुत दुखी भी हैं। जब विपक्ष देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है…उनकी मौजूदगी में उनके मंत्री ने कहा कि वे ऑपरेशन बंगाल करेंगे, ऑपरेशन सिंदूर की तरह। मैं उन्हें चुनौती देती हूं-अगर उनमें हिम्मत है, तो कल चुनाव में उतरें, हम तैयार हैं और बंगाल आपकी चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार है। लेकिन कृपया याद रखें, समय एक कारक है। आपको समय याद रखना चाहिए। हमारे प्रतिनिधि अभिषेक बनर्जी भी टीम में हैं और वे हर दिन आतंकवाद के खिलाफ, आतंक के खिलाफ बोल रहे हैं। और आप बंगाल सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जो आपको पूरा समर्थन दे रही है, देश की रक्षा कर रही है। आप सरकार पर आरोप लगा रहे हैं और आप इस समय विपक्ष को दोष देना चाहते हैं, भाजपा जुमला पार्टी के नेता की तरह चीजों का राजनीतिकरण करना चाहते हैं। वे देश को लूटते हैं और भाग जाते हैं। इस तरह से बात करना अच्छा नहीं लगता।

वहीं, टीएमसी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार इधर-उधर के मुद्दों में लोगों का ध्यान भटकाकर अपनी विफलताओं को छिपा रही है। साथ ही टीएमसी ने पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने वाले संकटों के बारे में पीएम की टिप्पणियों के जवाब में पांच सवाल भी पूछे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में टीएमसी ने पीएम मोदी से कहा कि वे पहले मणिपुर में स्थितियों को सामान्य करें, जहां बीते दो साल से भी ज्यादा समय से कानून-व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। इसके साथ ही टीएमसी ने कहा कि पीएम मोदी के राज्य में महिला सुरक्षा की क्या स्थिति है, उन्नाव से हाथरस तक के मामलों पर भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड चुप्पी से भरा हुआ है। आगे टीएमसी ने पेपर लीक की बात करते हुए कहा कि इससे युवाओं में निराशा है। भाजपा ने छात्रों को पेपर लीक, NEET घोटाला और 45 प्रतिशत बेरोजगारी का राष्ट्रीय उपहार दिया है। अपने पोस्ट में टीएमसी ने आगे भाजपा पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आपकी आधी कैबिनेट जमानत पर है।

आगे टीएमसी ने मोदी सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप भी लगाया। टीएमसी ने कहा कि इसी नीति के कारण बंगाल को मनरेगा और आवास योजना के फंड से वंचित किया गया।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की धरती पर सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की सरकार को जमकर घेरा था। अलीपुरद्वार में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के शासन पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद में जो कुछ हुआ… मालदा में जो कुछ हुआ… वो यहां की TMC सरकार की निर्ममता का उदाहरण है। बंगाल की जनता को अब TMC सरकार के सिस्टम पर भरोसा नहीं है। यहां की जनता के पास अब सिर्फ कोर्ट का ही आसरा है। इसलिए पूरा बंगाल कह रहा है- बंगाल में मची चीख-पुकार, नहीं चाहिए निर्मम सरकार!

उन्होंने कहा कि आज पश्चिम बंगाल एक साथ कई संकटों से घिरा हुआ है। एक संकट समाज में फैली हिंसा और अराजकता का है। दूसरा संकट माताओं बहनों को असुरक्षा का है, उनके साथ हो रहे जघन्य अपराधों का है। तीसरा संकट नौजवानों में फैल रही घोर निराशा का है, बेतहाशा बेरोजगारी का है। चौथा संकट घनघोर भ्रष्टाचार का है, यहां के सिस्टम पर लगातार कम होते जन-विश्वास का है। पांचवां संकट गरीबों का हक छिनने वाली सत्ताधारी पार्टी की स्वार्थी राजनीति का है। युवा, गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भ्रष्टाचार की मार झेल रहे हैं। हमने देखा है कि भ्रष्टाचार किस तरह विनाश की ओर ले जाता है, खासकर पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में। टीएमसी सरकार ने हजारों शिक्षकों और उनके परिवारों का भविष्य बर्बाद कर दिया है। यह सिर्फ कुछ हजार शिक्षकों का विनाश नहीं है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था बिगड़ रही है। अभी भी वे अपनी गलतियों को स्वीकार करने से इनकार करते हैं, इसके बजाय अदालतों को दोष देते हैं।

 

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