मॉसको/वॉशिंगटन: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब एक नया और खतरनाक मोर्चा खुलता नजर आ रहा है। रूसी रक्षा विशेषज्ञों और खुफिया सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि रूस, एलन मस्क की कंपनी ‘स्टारलिंक’ (Starlink) के उपग्रहों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है। रूस का मानना है कि स्टारलिंक के सैटेलाइट्स न केवल यूक्रेन को इंटरनेट दे रहे हैं, बल्कि यूक्रेनी सेना को सटीक खुफिया जानकारी और ड्रोन हमलों में सीधी मदद भी पहुंचा रहे हैं।
रूस की नाराजगी की असली वजह
युद्ध की शुरुआत से ही एलन मस्क ने यूक्रेन को हजारों स्टारलिंक टर्मिनल मुफ्त में मुहैया कराए थे। रूस के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि:
- अभेद्य संचार नेटवर्क: रूसी सेना द्वारा यूक्रेन के पारंपरिक संचार टावरों को नष्ट करने के बावजूद, स्टारलिंक की वजह से यूक्रेनी कमांड सेंटर आपस में जुड़े रहे।
- ड्रोन हमलों में सटीकता: स्टारलिंक के हाई-स्पीड इंटरनेट का उपयोग करके यूक्रेन के ‘सुसाइड ड्रोन’ रूसी ठिकानों और जहाजों पर सटीक हमले कर रहे हैं।
- रणनीतिक बढ़त: रूसी जैमर्स (Jammers) भी स्टारलिंक के सिग्नल को पूरी तरह रोकने में नाकाम रहे हैं।
रूस कैसे कर सकता है हमला?
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, रूस के पास स्टारलिंक को पंगु बनाने के लिए कई खतरनाक विकल्प मौजूद हैं:
- एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (ASAT): रूस अपनी घातक मिसाइलों से सीधे उपग्रहों को नष्ट कर सकता है। हालांकि, इससे अंतरिक्ष में भारी मलबा (Space Debris) फैलने का खतरा है जो रूस के अपने उपग्रहों को भी नुकसान पहुँचा सकता है।
- इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (EW): रूस अपने शक्तिशाली ‘टोबोल’ (Tobol) जैसे जैमिंग सिस्टम का उपयोग करके स्टारलिंक के सिग्नल्स को ठप करने की कोशिश कर रहा है।
- लेजर हथियार: रूस के पास ‘पे्रेसवेट’ (Peresvet) जैसे लेजर हथियार हैं जो उपग्रहों के ऑप्टिकल सेंसर को अंधा कर सकते हैं।
- साइबर हमला: रूसी हैकर्स स्टारलिंक के ग्राउंड स्टेशन या सॉफ्टवेयर नेटवर्क को हैक करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
एलन मस्क और अमेरिका की चेतावनी
एलन मस्क पहले ही कह चुके हैं कि स्टारलिंक एक नागरिक नेटवर्क है, लेकिन युद्ध में इसके इस्तेमाल ने इसे ‘सॉफ्ट टारगेट’ बना दिया है। वहीं, अमेरिका ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी है कि यदि रूस ने वाणिज्यिक उपग्रहों (Commercial Satellites) पर हमला किया, तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा और इसका करारा जवाब दिया जाएगा।
“अंतरिक्ष में नागरिक बुनियादी ढांचे पर कोई भी हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है। रूस को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।” — अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon)
वैश्विक प्रभाव: क्या होगा अगर हमला हुआ?
अगर रूस स्टारलिंक को निशाना बनाता है, तो यह अंतरिक्ष में पहले ‘सैटेलाइट युद्ध’ की शुरुआत होगी। इससे न केवल वैश्विक इंटरनेट व्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि अंतरिक्ष में इतना मलबा जमा हो जाएगा कि भविष्य के अंतरिक्ष मिशन और अन्य देशों के संचार उपग्रह भी खतरे में पड़ जाएंगे।





