मुकेश गुप्ता, रुद्रपुर। ऊधमसिंह नगर में एक तरफ धान खरीद चल रही है, वही तीन दिन हो रही लगातार बारिश ने किसानों की धान की फसल को बर्बाद कर दिया है। इस बार किसान अच्छी फसल होने से खुश थे, लेकिन मानसून खत्म होने के समय हुई बारिश ने किसानों के सपने तोडक़र रख दिए है। रुद्रपुर, किच्छा गदरपुर सहित तमाम जगहों पर खेत में पककर खड़ी फसल जमीन पर गिर गई है। कई जगहों पर निकासी नहीं होने की वजह से धान के खेत पानी से लबालब भरे हुए हैं। किसान किसी तरह से खेतों में भरा पानी की निकासी के लिए जुटे हुए हैं। ऐन फसल पकने से पहले ही बारिश ने किसानों को बड़ा झटका दिया है। पिछले दिनों हुई बारिश से हुए फसल के नुकसान से किसान उबरे भी नही थे कि इस बारिश में किसानों की कमर तोडक़र रख दी है। किसानों के मुताबिक इस बार धान में लगे बौना रोग ने भी फसल को प्रभावित किया था। बगवाड़ा क्षेत्र के किसान विक्रम जीत सिंह ने बताया कि तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से धान की फसल चौपट हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि बरसात से हुये नुकसान का सही आंकलन कराया जाये और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए। अभी भी बारिस रुकने का नाम नहीं ले रही। किसान डा.गणेश उपाध्याय ने कहा कि किसानों का 50 प्रतिशत नुकसान हुआ ओर सरकार को चाहिये किसानों को प्रति हैक्टेयर 30हजार के हिसाब से मुआबजा दे। दुर्भाग्य है कि किसानों का बुहत नुकसान हुआ है। किसान पीडि़त है। कहा कि सरकार किसानों की पीड़ा समझे,अन्यथा किसान आंदोलन को बाध्य होंगे।
सरकार से सर्वे करवाकर मुआवजा देने की मांग
उधर तराई किसान संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष तजेन्द्र सिंह विर्क ने कहा कि किसानों को लगातार हो रही बारिश से फसल बर्बाद हुई है। उन्होंने सरकार से नुकसान हुई फसल का सर्वे करा कर मुआवजा देने की मांग की।