रुद्रपुर। ठेकेदार के अधीन काम करने वाले नगर निगम के 200 पर्यावरण मित्रें ने ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक बार फिर हड़ताल शुरू कर दी हैं। पर्यावरण मित्रें ने नगर निगम गेट पर प्रदर्शन करते हुए वायदे के अनुरूप पूरा वेतन देने की मांग की। पर्यावरण मित्रें ने ठेकेदार पर लाखों के घोटाले का भी आरोप लगाया। बता दें कि पिछले दिनों पांच सूत्रीय मांगों को लेकर पर्यावरण मित्रें ने हड़ताल की थी। कई दिन तक हड़ताल के बाद 500 रूपये प्रतिदिन देने के आश्वासन पर सफाई कर्मी काम पर लौट आये थे। पूरा वेतन नहीं मिलने पर पर्यावरण मित्रें ने अब एक बार फिर हड़ताल शुरू कर दी है।
मांगों को लेकर आज पर्यावरण मित्रें ने नगर निगम में प्रदर्शन करते हुए पूरा वेतन देने की मांग की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने ठेकेदार पर लाखों के घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से पर्यावरण मित्रें के लिए 500 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 15 हजार वेतन तय किया गया था। लेकिन ठेकेदार उन्हें 430 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 12900 रूपये वेतन दे रहा है। यानि 2100 रूपये एक कर्मचारी के वेतन से काटे जा रहे हैं।
आरोप लगाया कि 200 कर्मचारियों के 4 लाख 20 हजार रूपये ठेकेदार खुद डकार रहा है। इसके अलावा केन्द्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को 500 रूपये प्रति माह अनुदान दिया जाता है। यह अनुदान भी पर्यावरण मित्रें को नहीं दिया जा रहा। पर्यावरण मित्रें ने कहा कि उनके साथ सरासर अन्याय किया जा रहा है। अधिकारियों से जब बात की जाती है तो वह कहते हैं कि उनकी तरफ से पांच सौ रूपये प्रतिदिन भुगतान किया जाता है लेकिन ठेकेदार बीच में 70 रूपये खुद हजम कर जाता है। पर्यावरण मित्रें ने ठेकेदार के विरूद्ध कार्रवाई करने और निर्धारित मानदेय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोजन जारी रहेगा। प्रदर्शन करने वालों में प्रदीप, अंकित, आशीष, अजय, दीपक गौतम, कुंदन, विक्रम, सूरज, राजू, राजेश, रंजीत हीरा आदि समेत कई पर्यावरण मित्र मौजूद थे।