- स्कूल प्रबंधक व संचालकों को आवश्यक दिशा-निर्देश, बच्चों को सुरक्षित घर तक पहुंचाना प्रबंधक का दायित्व
रुद्रपुर। शुक्रवार को डीएम युगल किशोर पंत की अध्यक्षता में स्कूल प्रबंधन तथा अभिभावकों के साथ एक बैठक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम सभागार में आयोजित हुई। बैठक में डीएम ने कहा कि बसों के माध्यम से विद्यार्थियों को सुरक्षित लाना व ले जाना स्कूल प्रबन्धन एवं संचालकों का दायित्व है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी प्रबंधक एवं संचालक सीबीएसई द्वारा जारी गाइड लाइन को ठीक से समझलें। उन्होंने सुरक्षात्मक दृष्टि से निर्देश करते हुए कहा कि जिन वाहनों की अभी तक फिटनेस नहीं हुई है, वह एक सप्ताह के भीतर फिटनेस कराना सुनिश्चित करें। साथ ही डीएम ने बसों के ड्राईवर, कन्डक्टर सहित सभी स्टॉफ का पुलिस सत्यापन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बस ओवर लोडिंग कतई नहीं होनी चाहिए। विगत दिवस हुई गैस रिसाव की दुर्घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि छोटी से छोटी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है, इसलिए सभी प्रबन्धन एवं संचालक गाइड लाइन का शतप्रतिशत अनुपालन करना सुनिश्चित करें। डीएम ने सड़क सुरक्षा नियमों, मोटर वाहन अधिनियमों के बारे में विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश पुलिस तथा परिवहन विभाग के अधिकारियों को दिये। बैठक में एआरटीओ बीके सिंह ने केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा स्कूल बसों को लेकर जारी की गई नई गाइडलाइन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बस का रंग पीला होना चाहिए, आगे-पीछे स्कूल बस लिखा हो, किसी एजेंसी से बस अनुबंध पर ली है तो उस पर ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए, बसों में फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए, जिसमें दवाईयां एक्सपायरी डेट की न हों, स्पीड गर्वनर, खिड़कियों में होरिजोंटल ग्रिल जाली लगी हो, आग बुझाने के उपकरण, स्कूल का नाम और फोन नंबर लिखा हो, बस में सीट के नीचे बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। बस ड्राइवर को कम से कम 5 साल हैवी व्हीकल चलाने का अनुभव होना चाहिए। बच्चों की देखबाल को महिला अटेण्डेंट जरूर होनी चाहिए। बस में आपातकालीन निकास द्वार हो, बस में पर्दे या शीशे पर फिल्म न हो, ताकि अंदर की गतिविधि दिख सके।बस में अंदर पर्याप्त रोशनी होना चाहिए, बच्चों की सुरक्षा के लिए बसों की सीट गैर ज्वलनशील सामग्री से बनी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बस चालकों के पास वैध रजिस्ट्रेशन, फिटनेस, परमिट, पीयूसी और बीमा होना चाहिए। बस में इमरजेंसी सायरन और अलार्म बेल होना आवश्यक है। स्कूल प्रबंधक व संचालक जीपीएस और सीसीटीवी के जरिए बसों पर निगरानी रखे। चैकिंग के दौरान बसों में कोई भी कमी पाई गई तो कार्रवाई। बैठक में एसपी क्राईम अभय कुमार, सीईओ आरसी आर्य,डीईओ बेसिक एके सिंह, बीईओ गुंजन अमरोही, चौधरी विनोद फोगाट, भुवन काण्डपाल, सतपाल सिंह, परविन्दर कुमार, रोहित सिंह,सन्दीप यादव, मनोज कुमार, बंशीधर, महेन्द्र सिंह, मौ.इसरार अली,अजीत कुमार आदि मौजूद थे।