रुद्रपुर। बैंक से लिया लोन न चुकाने के बाद भी दम्पत्ति ने फर्जी बैंक एनओसी बनवाकर अपना मकान एक व्यक्ति को 13-81लाख रूपये में बेच दिया। पीडि़त ने कोर्ट के आदेश पर दंपति के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है। परमजीत सिंह निवासी शांति विहार कालोनी ने जसवीर कौर और जजविन्दर सिंह निवासी ग्राम सैजना किच्छा के खिलाफ दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा कि जजविन्दर सिंह जो प्रोपर्टी डीलिंग का भी काम करता है और वह जून 2018 में मिला।
उसने सिटीवन कालोनी, ग्राम भूरारांनी में दो भूखंड दिखाए और बताया कि उसने बैंक ऑफ बडौदा से लोन ले रखा है लेकिन कुछ आर्थिक परेशानी होने के कारण वह मकान विक्रय करना चाहता है। पीडि़त के मुताबिक ऋण वाले मकान या भूखण्ड को नहीं खरीदता हूँ। तब उसने कहा कि मैं बैंक का ऋण चुकता करके यह मकान जल्दी बेचना चाहता हूँ। क्योंकि बैंक का ब्याज बढ़ रहा है। बताया कि 6 जुलाई 2018 को जजविन्दर सिंह अपनी पत्नी जसवीर कौर के साथ उसकेे घर शांति विहार कालोनी आया और उसने कहा कि अपने मकान के ऋण का भुगतान कर दिया है। बैंक का एनओसी लेकर आया हूँ। उसकी पत्नी ने अपने पर्स से एनओसी की एक फोटो प्रति मुझे दी। जिस पर बैंक ऑफ बड़ौदा का मोहर लगी थी। किसी भी प्रकार के ऋण न होने की बात लिखी थी। बताया कि दोनों पर विश्वास कर तयशुदा रकम 13,81,000 रूपये मकान की रजिस्ट्री के दिन 10 जुलाई 2018 को अदा कर दिया और अपने नाम से मकान की रजिस्ट्री करा ली। पीडि़त का कहना है कि मार्च 2021 के द्वितीय सप्ताह में बैंक ऑफ बड़ौदा के हल्द्वानी से कर्मचारियों ने बताया कि उत्तफ़ मकान पर जसवीर कौर ने लगभग 12,00,000 रूपये का ऋण ले रखा था जो अभी तक चुकता नहीं है। इसलिए मकान की नीलामी की जायेगी। इस पर उसने बैंक ऑफ बड़ौदा रूदपुर के प्रबंधक को जसवीर कौर एवं जजविन्दर सिंह द्वारा बैंक से जारी दिनांक 6 जुलाई 2018 का ऋण अनापत्ति प्रपत्र दिखाया तो बैंक मैनेजर ने स्पष्ट रूप से यह कह दिया कि इस प्रकार का अनापत्ति प्रमाण पत्र बैंक से जारी नहीं होता है। किसी ने आपको यह फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया है।
आरोप लगाया कि उसके साथ जसवीर कौर एवं जजविन्दर सिंह ने आपस में मिलकर साठ-गाँठ कर योजनाबद्ध तरीके से फर्जी अनापत्ति प्रपत्र तैयार कर उसके साथ धोखाधड़ी की है और उसका 13,81,000 रुपये हड़प लिया है। बैंक के अधिकारी उसके रजिस्ट्रीशुदा मकान को कुर्क कर ऋण की धनराशि 12,00,000 रूपये वसूलने के प्रयास में लगे हुए है। पीडि़त ने इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहींकी। उसे मजबूरन कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। एसएसआइ केसी आर्या ने बताया कोर्ट के आदेश पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।