हल्द्वानी। साइबर जालसाजों से बचने के लिए सोशल प्लेटफॉर्म को सावधानी व सतर्कता के साथ प्रयोग करना चाहिए। जिस प्रकार से अपराधियों द्वारा इंटरनेट मीडिया को साइबर क्राइम का एक सशक्त माध्यम बनाकर प्रयोग किया जा रहा है। उससे बचने के लिए लोगों को खुद जागरूक होने के साथ ही दूसरों को भी जागरूक करना चाहिए। यह बात साइबर सेल के डीएसपी ने कही। उत्तराखंड साइबर सेल की ओर से सीआरपीएफ समूह केंद्र काठगोदाम में सीआरपीएफ कर्मचारियों और उनके परिजनों को साइबर अपराधों से बचाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सोशल साइट पर किसी भी अंजान व्यक्ति से दोस्ती न करें, फोन पर किसी से भी बैंक खाते से संबंधित अपनी निजी जानकारी साझा न करें। सोशल मीडिया या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करके व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें क्योंकि ऐसा करने से वे साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं। साइबर अपराधी संदिग्ध लिंक का फायदा उठाकर भोले-भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न कराएं। किसी भी खाते में रकम जमा कराने से पहले पूरी जांच कर लें और इसके लिए अधिकारिक लिंक का ही प्रयोग करें। इस दौरान साइबर अपराध की रोकथाम के लिए अपनाई जा रही नई तकनीकी भी साइबर सेल ने सीआरपीएफ के तकनीकी स्टाफ के साथ साझा की। इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक सतीश कुमार लिण्डा, उप कमांडेंट डीबी यादव, एम. राममूर्ति, सहायक कमांडेंट तिलक राज, दिलबर सिंह आदि उपस्थित थे।