नैनीताल। नैनीताल में रविवार प्रात: अष्टमी के मौके पर प्रात: 3:00 मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों को ब्रह्म मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा के बाद मां नैना देवी मंदिर में रखा गया और आम भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। मां के दर्शन करने के लिए प्रात 4:00 बजे से ही मां के दर्शन के लिए भक्तजनों का मंदिर में आना प्रारंभ हो गया था। प्रात: से लगभग 8:00 बजे तक मंदिर में भक्तों की संख्या कम दिखी जो धीरे-धीरे बढऩे लगी। इस वर्ष भी मां नैना देवी महोत्सव का सीधा प्रसारण यूट्यूब फेसबुक और ताल चैनल पर किया जा रहा है द्य कोविड-19 महामारी के चलते ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है की इस वर्ष मां के दर्शन करने के लिए जन सैलाब तुम लेगा उमडेगा फिलहाल अभी इतनी रौनक नहीं नजर आ रही है और लगभग 650 दुकाने इस वर्ष लगाई गई है जो सज चुकी है। आपको बता दें बीती रात्रि 12:30 बजे मां नंदा सुनंदा की मूर्तियों को तैयार कर मंदिर प्रांगण में रखा गया। और प्रात: 3:00 बजे आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा के बाद 4:00 बजे मूर्तियों को भक्तजनों के लिए रख दिया था। मां नैना देवी महोत्सव श्री राम सेवक सभा के द्वारा आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान भंडारे का भी आयोजन किया गया। और महत्व को सफल बनाने में अध्यक्ष मनोज सा महासचिव जगदीश बावड़ी पूर्व अध्यक्ष मुकेश जोशी मंटू गिरीश जोशी मक्खन, विमल चौधरी, विमल शाह, कैलाश जोशी, भुवन बिष्ट, मोहित साह, हरीश राणा , चंद्र प्रकाश शाह हिमांशु जोशी अशोक शाह घनश्याम लाल शाह, राजेंद्र बजेठा, ललित शाह, भीम सिंह कार्की, दीपक गुरुरानी भोला वर्मा प्रोफेसर ललित तिवारी मीनाक्षी कीर्ति सहित अन्य मां के भक्तों व्यवस्थाओं में जुटे है।
मां नैना देवी महोत्सव मैं अष्टमी के दिन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट के नेतृत्व मे चार्ट पार्क के पास स्टॉल लगाकर आने वाले भक्तों को जूस वितरित किया। इस मौके पर महामंत्री वेद शाह कोषाध्यक्ष सी पी भट्ट उपसचिव स्नेहा छाबड़ा रुचिर शाह आलोक शाह ओमप्रकाश आनंद मौजूद थे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भागीरथी जोशी के निर्देशन मे बीडी पांडे चिकित्सालय द्वारा मां नैना देवी महोत्सव मैं स्वास्थ्य कैंप लगाया गया है जिसमें शुगर, ब्लड प्रेशर की जांच के अलावा निशुल्क दवाइयां भी वितरित की जा रही है। शिविर में डॉ रेनू टम्टा, सीएस खनायत हिना, आरती, कोमल, सुनीता, प्रभाकर, नंदू भाई आशीष सिंह बिष्ट, एकता, हर्षिता, रिया, सहयोग में लगे हुए थे।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मंदिर परिसर में बलि प्रथा प्रतिबंधित होने के चलते श्रद्धालु बकरों को पूजा के लिए मंदिर परिसर में लेकर पहुंचे इस दौरान उनका पंजीकरण किया गया और मंदिर में प्रवेश दिया गया पूजा अर्चना के पश्चात भक्त बलि के लिए लाए बकरों को अपने घरों को ले गए और वहीं उन्होंने पूजा अर्चना करने के पश्चात बोली दी।