नैनीताल। उत्तराखंड की कुमाऊंनी लोक कला और संगीत में सम्मिलित वाद्य यंत्र को हमारी जिंदगियों से गायब होने पर चिंता व्यक्त करते हुए रन टू लीव संस्था के बैनर तले फिल्म अभिनेता हेमंत पांडे धावक हरीश तिवारी द्वारा संयुक्त प्रेस वार्ता कर कहा कहीं ना कहीं प्रदेश के हम लोग ही दोषी है। उनका कहना है कि जहां सोशल मीडिया का दौर आया है वहं धीरे-धीरे हमारी कुमाऊंनी वाद्य यंत्र ढोल, ढोलकी, दमाऊं, हुडक़ी, मसक बीन, रणसिंगा को बनाने वाले लोग कम संख्या में हैं, हमारी संस्कृति से गायब होने लगी हैं हमारे पूर्वजों के समय में होने वाले संगीत कार्यक्रम में वाद्य यंत्र से संगीत का चलन था जो धीरे-धीरे धूमिल होने लगा है अपनी पुरानी संस्कृति को बचाने को लेकर फिल्म अभिनेता हेमंत पांडे और धावक हरीश तिवारी का कहना है भले ही इन यंत्रों को बनाने वाले नहीं बचे हैं और बजाने वाले बचे हैं उन को प्रोत्साहित करने के लिए हमको अपने द्वारा संचालित कार्यक्रमों के माध्यम से पुन: लाना होगा तब जाकर युवाओं को अपने यंत्रों की जानकारी होगी और मुहिम चलानी होगी और इस युग के बच्चे जो सोशल मीडिया के माध्यम से ज्ञान को साथ लेकर चल रहे हैं वाद्य यंत्रो को अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लाना होगा और स्कूलों में भी इन वाद्य यंत्रों के बारे में ज्ञान के साथ-साथ अपने कार्यक्रमों में इनकी प्रस्तुति भी करानी होगी को तब जाकर युवा को अपनी संस्कृति को जान पाएंगे और अपने वाद्य यंत्र को बचाने को लेकर सरकार से भी इसको प्रोत्साहित करने को लेकर वार्ता की जाएगी उत्तराखंड के लोगो द्वारा जब इससे संगीत की प्रस्तुति का चलन बढ़ेगा तो सरकार से भी इसको बचाने को लेकर प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर राजेंद्र रावत, रवि कांत, हरीश तिवाड़ी मौजूद रहें।