हल्द्वानी/लालकुआं। अखिल भारतीय किसान महासभा की जिला कार्यकारिणी की बैठक में बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने की मांग दोहराई गई। इस मामले में भाजपा सरकार की अनदेखी पर भी रोष जताया गया। कार्यकारिणी की बुधवार को बिंदुखत्ता के दीपक बोस भवन में हुई बैठक में भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि भाजपा सरकार बिंदुखत्ता को वनाधिकार कानून के जरिये राजस्व गांव बनाने की बात कर रही है लेकिन यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि वनाधिकार कानून 2006 के वे प्रावधान हैं, जिनके तहत दावा धारकों को 13 दिसंबर 2005 से 75 वर्ष (तीन पीढ़ी) पूर्व के उस भूमि पर बसासत के प्रमाण सौंपने होंगे यानी बिंदुखत्ता वासियों को वर्ष 1930 से पूर्व उस भूमि पर बसे होने के प्रमाण अपने दावा पत्रों की पुष्टि के लिए सौंपने होंगे। ऐसा न कर पाने पर बिंदुखत्तावासी भूमि पर स्वामित्व अधिकार पाने का हक खो देंगे और वन भूमि में अतिक्रमणकारी घोषित होकर बेदखली के शिकार हो जाएंगे। वनाधिकार कानून के तहत दावा करने का अर्थ है कि बिन्दुखत्ता वासियों के लिए भूमि से बेदखली का रास्ता खोलना। मैखुरी ने कहा कि राज्य में जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है और गरीबों को उजाडऩे की मुहिम चलाई गई है। इससे स्पष्टï होता है कि सरकार खत्तावासियों को विभाजित कर बेदखल करना चाहती है। अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आंनद सिंह नेगी ने कहा कि यदि भाजपा सरकार को बिंदुखत्ता को वास्तव में राजस्व गांव बनाने की चिंता है तो इसके लिए राज्य सरकार को राजनीतिक निर्णय लेकर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करना होगा। उसके बाद वन भूमि हस्तांतरण का प्रस्ताव विधिवत केंद्र के वन व पर्यावरण मंत्रालय को भेजना चाहिए। केंद्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के बाद वन भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही होगी तभी बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव बनाने का रास्ता साफ हो जाएगा। उनका कहना था कि भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बिन्दुखत्ता को राजस्व गांव का दर्जा दिलाने के नाम पर ही वोट मांगे लेकिन डबल इंजन सरकार में इसके लिए जो राजनीतिक निर्णय भाजपा सरकारों को लेना था, उसे नहीं लिया गया है। बैठक में बिंदुखत्ता की जनता के बीच भाजपा द्वारा फैलाए जा रहे वनाधिकार कानून के भ्रम को दूर करने के लिए छह अगस्त को संगोष्ठी आयोजित करने का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता किसान महासभा के जिलाध्यक्ष भुवन जोशी व संचालन विमला रौथाण ने किया। बैठक में डा.कैलाश पाण्डेय, पुष्कर दुबडय़िा, नैन सिंह कोरंगा, कमल जोशी, निर्मला शाही, धीरज कुमार, ललित जोशी, आंनद सिंह दानू आदि मौजूद थे।