हल्द्वानी। यूं तो पत्रकारों को लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ की संज्ञा दी गई है। जनहित में खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने वाला यह स्तम्भ अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहा है। जिला पत्रकार स्थाई समिति में जनपद के चार पत्रकारों को सदस्य मनोनीत किया गया है। उनके मनोनयन से पत्रकारों में फिर यह आस जगी है कि पत्रकारों की समस्याओं को उनके साथी शासन प्रशासन के समक्ष उठाएंगे। इसी क्रम में जनपद नैनीताल के जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल की अध्यक्षता में जि़ला स्तरीय पत्रकार स्थाई समिति की एक बैठक हल्द्वानी स्थित कैम्प कार्यालय में आयोजित हुई। इस दौरान जिले के तेजतर्रार डीएम धीरज सिंह गब्र्याल ने पत्रकारों के साथ सम्बन्धों को अधिक सशक्त, सरकारी योजनाओं की जानकारी व कार्यों को आमजन तक पहुंचाने के निर्देश सूचना विभाग को दिए।
इस बैठक का उद्देश्य जिला प्रशासन व प्रेस के सम्बन्धों को अधिक सशक्त करना है तथा पत्रकार उत्पीडऩ से सम्बंधित मुद्दों को निस्तारित करना था। बैठक में प्रेस प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जनपद में पत्रकार उत्पीडिऩ से सम्बन्धित कोई मामला नहीं है। साथ ही आपसी समन्वय भी बेहतर है। इस दौरान प्रेस प्रतिनिधियों ने कहा गया कि नैनीताल स्थित राज्य अतिथि गृह में मान्यता प्राप्त पत्रकारों के लिए राज्य संपत्ति विभाग से कक्ष की बुकिंग के स्थान पर जिलाधिकारी के स्तर से किये जाने हेतु शासन स्तर से पत्राचार किया जाए। नैनीताल की पार्किंग स्थलों में पत्रकारों के लिए नि:शुल्क सुविधा, नैनीताल टोल में सरकारी नि:शुल्क आवागमन की सुविधा, रोडवेज़ बस अड्डे, तल्लीताल में अवस्थित कुमाऊं प्रेस क्लब को यथाशीघ्र नगरपालिका से प्रेस को हस्तांतरित कराया जाए।
इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, समिति से सदस्य शैलेन्द्र नेगी, नवीन जोशी, सलीम खान व रमाकांत पन्त उपस्थित थे।
अनदेखी का शिकार होते पत्रकार
पत्रकारिता शासन-प्रशासन और जनता के बीच सेतु का काम करती है। नकारात्मक विचारों को सकारात्मक रूप देने में जहां स्वस्थ्य पत्रकारिता अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, वही पत्रकार को समाज का सजग प्रहरी माना जाता हैं। पत्रकार समाचारों को निष्पक्षता व सत्यता के साथ प्रस्तुत करने के लिए अपनी जान तक की परवाह नही करते है। बाउजूद इसके पत्रकार अपने हितों के लिए संघर्षरत है। शासन-प्रशासन की हर बात जनता तक पहुचाने वाले पत्रकारो को ही अनदेखी का सामना करना पड़ता है।