हल्द्वानी। आज बुधवार को हल्द्वानी के बुद्ध पार्क में एक जन सम्मेलन आयोजित किया गया। यह जन सम्मेलन इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह जन सम्मेलन साम्राज्यवादी देशों की अगुवाई में हो रही जी-20 की बैठक और मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे विकास के खोखले दावों की असलियत उजागर करने के लिए किया जा रहा है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि इस बैठक को आयोजित कराने के लिये पंतनगर से लेकर रुद्रपुर और रामनगर तक सडक़ किनारे ठेला, फड़-खोखा लगाकर गुजर-बसर करने वाले सैंकड़ों लोगों को प्रशासन ने उजाड़ दिया है। ताकि विदेशियों को देश की असलियत न मालूम पड़े। जबकि वहीं दूसरी तरफ इस बैठक को आयोजित करने में भारत सरकार करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। वक्ताओं ने मांग की कि उजाड़े गये सभी लोगों के नुकसान की भरपाई करो और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करो। असल में भारत की मोदी सरकार समेत जी-20 में शामिल सभी देशों की सरकारों के ये नुमाइंदे अपने-अपने देशों की मजदूर-मेहनतकश गरीब जनता का नहीं बल्कि कार्पोरेट पूंजीपतियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस जी-20 की बैठक में आर्थिक संकट, पर्यावरण संकट, महिला सशक्तिकरण आदि पर चर्चा की जाएगी। जबकि खुद साम्राज्यवादी देशों की अगुवाई में जी-20 के सभी देशों की सरकारें इन संकटों को बढ़ाने वाली वैश्विकरण-उदारीकरण-निजीकरण की नीतियों को बढ़-चढ़ कर लागू कर रही हैं। सभी जगह मजदूरों-कर्मचारियों के श्रम अधिकार छीने जा रहे हैं और वेतन-भत्ते, पेंशन और सुविधाओं में कटौती की जा रही है। महिलाओं-छात्रों-नौजवानों पर हमले किए जा
रहे है।
जी-20 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत कर रहा है और मोदी सरकार इसे अपनी विशेष उपलब्धि बताते हुये विकास के झूठे दावे कर रही है जबकि वास्तविकता इससे कोसों दूर है। कार्यक्रम का संचालन इंक़लाबी मज़दूर केन्द्र के महासचिव रोहित, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र की महासचिव रजनी और परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महासचिव महेश ने संयुक्त तौर पर किया। कार्यक्रम में डीसी मौर्या, विनोद, हिमानी, हेमा, पूनम, देवेंद्र प्रसाद सिंह, महेश, रीना, विमला, उमेश, अनुराग, शाहजेब अवधेश, मोहन, भूपाल, रमेश, दिनेश, कैलाश, सुरेंद्र, तुलसी सहित सैकड़ों लोग शामिल रहें।