हल्द्वानी। स्वराज हिंद फौज की बैठक में राज्य गठन के दो दशक बाद भी स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं न मिल पाने पर चिंता जताई गई। वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड के साथ बने अन्य राज्य विकास व तरक्की की ओर अग्रसर हैं लेकिन उत्तराखंड से लोग पलायन को मजबूर हैं।
स्वराज हिंद फौज की रविवार को लोनिवि गेस्ट हाउस परिसर में बैठक आयोजित की गई। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष सुशील भट्ट ने राज्य के राजनैतिक परिदृश्य पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड के लोग स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं। राज्य में सत्तासीन सरकारों की उपेक्षा के चलते उत्तराखंड के सैकड़ों गांव खाली हो चुके हैं। राज्य की पहचान जल, जंगल व जमीन बिक चुके हैं। बैठक में संगठन के सदस्यता अभियान को आगे बढ़ाने का निर्णय लेते हुए आरक्षण के मुद्दे पर ठोस रणनीति बनाकर रूपरेखा तैयार की गयी। इस मौके पर गिरीश चंद्र लोहनी, सुरेश चंद्र कपिल, डॉ.अवधेश तिवारी, देवेन्द्र कुमार पांडे, आशा शुक्ला, प्रदीप पाठक, सुलेमान मलिक, चंपा त्रिपाठी, मंजू शाह, गोपाल खनायत, एमके शर्मा, जाकिर हुसैन, प्रेम प्रकाश सिंह आदि मौजूद थे।