हल्द्वानी। ईमानदारी अभी जिंदा है, इसे रोडवेज कर्मियों ने चरितार्थ किया है। बसअड्डे में लावारिस हालत में मिलेे बैग की पड़ताल की गई तो उसमें 66800 रुपये मिले। यह बैग व राशि इसके असल मालिक को सौंप दी गई है।
रोडवेज से मिली जानकारी अनुसार पिछले कुछ समय पहले किसी यात्री का बैग रोडवेज बसअड्डे में छूट गया था। इस पर यह बैग हल्द्वानी डिपो कार्यालय में जमा करा दिया गया। लंबे समय बाद भी जब बैग लेने कोई नहीं आया तो बीते दिन रोडवेज कर्मियों ने बैग खोला और उसमें 66800 रुपये मिले। इस पर बैग में रखे आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों के आधार पर यात्री की पहचान फरीदाबाद निवासी वीरबल के तौर पर हुई। रोडवेज प्रबंधन की ओर से वीरबल को हल्द्वानी बुलाया गया। गुरुवार को बसअड्डे में डिपो एआरएम सुरेंद्र सिंह बिष्टï व इंचार्ज इंदिरा भट्ट की मौजूदगी में वीरबल को धनराशि सौंपी गई। इस बीच वीरबल ने बताया कि बीती 18 जून को हल्द्वानी बसअड्डे से उनका यह बैग गायब हो गया था। इस बैग के खोने से वह काफी परेशान था, वह पूर्व में बैग की ढूंढ खोज के लिए भी हल्द्वानी आया था लेकिन इस बारे में कुछ पता नहीं चला। इस संबंध में उसने पुलिस को भी सूचना दी थी। अब बैग व धनराशि पाकर वीरबल खुश नजर आया और रोडवेज अधिकारियों व कर्मियों का आभार जताया।
रोडवेज कर्मियों की सूझबूझ से मिली मेहनत की कमाई
हल्द्वानी। रोडवेज कर्मियों की सूझबूझ से ही वीरबल को उसकी मेहनत की कमाई मिल पाई। दरअसल रोडवेज बस या बसअड्डे में लावारिस मिलने वाले बैगों को डिपो में जमा करा दिया जाता है। बीते बुधवार की शाम रोडवेज कर्मी आन सिंह जीना, कौशल जोशी, नितेश शर्मा, जलील अहमद, अख्तर चौधरी, केएन तिवारी, ललित पांडे की मौजूदगी में डिपो में रखे बैगों की जांच पड़ताल की तो वीरबल को खोई रकम वापस मिल गई।