नैनीताल। मल्लीताल स्थित राजमहल कंपाउंड में चार मंजिल इमारत पर जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय और संयुक्त मजिस्ट्रेट राहुल शाह की मौजूदगी में ध्वस्तीकरण प्रक्रिया शुरू की गई। मालूम हो की पिछले सप्ताह प्राधिकरण सचिव पंकज उपाध्याय द्वारा बिल्डिंग का मौका मुआयना कर अवैध बने भवनों को 3 दिन में खाली करने के आदेश भवन स्वामी को दिए गए थे। जिसमें शुक्रवार को कार्रवाई होनी थी, लेकिन हरेला पर्व के चलते कार्रवाई नहीं हो पाई। जिसके बाद सोमवार को क्षेत्र को पुलिस बल के साथ क्षेत्र में आवाजाही बंद कर प्राधिकरण के कर्मचारियों द्वारा चौथी मंजिल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।
प्राधिकरण टीम की कार्रवाई के दौरान भवन में रहने वाली महिलाएं कार्रवाई न करने के लिए मिन्नते करती रहीं। लेकिन टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई जारी रखी, और महिलाओं को महिला पुलिस द्वारा मौके से ले जाया गया। प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय ने बताया की प्राधिकरण द्वारा पूर्व में भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी, लेकिन बावजूद इसके भी भवन स्वामी रईस अहमद द्वारा निर्माण कार्य नहीं रोका गया, और अवैध 4 मंजिला इमारत खड़ी कर दी। उन्होंने बताया की भवन स्वामी ने चार मंजिल भवन में कई लोगों को फ्लैट बेचे जा चुके है। कहा की विभाग द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश भी पारित किए जा चुके थे, उसके बावजूद भी भवन स्वामी ने अवैध निर्माण कार्य नहीं रोका। वहीं बताया की शहर में जितने भी अवैध निर्माण किए जा रहें हैं, उनपर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। कहा की ग्रीन बैल्ट व संवेदनशील स्थानों पर बने अवैध निर्माणों को भी विभाग द्वारा चिन्हित कर लिया गया हैं,और जल्द ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। मालूम हो की भवन में रह रहें लोगो के पानी व बिजली के कनेक्शन भी काट दिए गए हैं। इस दौरान तहसीलदार नवाजिश खलिक, अधिशासी अभियंता प्राधिकरण सतीश चौहान , सहायक अभियंता सी एस शाह, कोतवाल प्रीतम सिंह , वरिष्ठ उप निरीक्षक दीपक बिष्ट , कांस्टेबल शाहिद अली सहित प्राधिकरण के कर्मचारी व पुलिस जवान मौजूद रहें।
जानकारी के अनुसार जिस बिल्डिंग की चौथी मंजिल का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। और जिन भवनों को तोड़ा जा रहा है बिल्डिंग स्वामी रईस अहमद द्वारा लगभग 2010 में बनाया गया था फखरुद्दीन और नजमा को 2016 में रजिस्ट्री की थी प्रश्न यह उठता है जब बिल्डिंग अवैध थी तो रजिस्ट्री क्यों हुई और उन बिल्डिंगों में बिजली-पानी के कनेक्शन भी विभाग द्वारा दिए गए तो क्यों दिए गए और पूरी बिल्डिंग लगभग 20 वर्ष पुरानी बताई जा रही है और चौथी मंजिल तोड़ा जा रही है। उस बिल्डिंग को प्राधिकरण द्वारा पूर्व में ही तोड़ दिया गया था तो उसके बावजूद वह मंजिल क्यों बन पाई उस समय प्राधिकरण विभाग क्या कर रहा था अगर उस समय इस चौथी मंजिल को तोड़ दिया गया होता तो लोगों द्वारा जो फ्लैट खरीदे गए है ,उनको नुकसान नहीं होता। पूरी बिल्डिंग बिक चुकी है। और आज उस चार मंजिल भवन में लगभग 18 फ्लैट है सचिव पंकज उपाध्याय के हिसाब से पूरी बिल्डिंग को धराशाही किया जाएगा। जिस समय चौथी मंजिल में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चल रही थी तो उसमें रहने वाली महिलाएं रो-रो कर हाथ जोड़कर पुलिस और कर्मचारियों के आगे गिड़गिड़ा रही थी, कह रही थी भले ही सब तोड़ दो सिर्फ दो परिवार के एक-एक कमरे छोड़ दो क्योंकि उसमें एक महिला गर्भवती थी और एक के छोटे बच्चे उन्होंने अपनी फरियाद सचिव पंकज उपाध्याय के सामने भी रखी लेकिन उन्होंने पुलिस से महिलाओं को वहां से हटवाते हुए हाथ खड़े कर दिए और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई चलती रही।
नैनीताल शहर में हजारों की संख्या में अवैध भवन बने हुए हैं और प्राधिकरण द्वारा पूर्व वर्षों में सैकड़ों अवैध भवनों के ध्वस्तीकरण के आदेश पारित करने के बावजूद भी सालों से उनमें कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। लेकिन अब देखना यह है प्राधिकरण की अवैध निर्माणों पर कार्रवाई यहीं थम जाएगी या आगे भी जारी रहेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार भवन स्वामी व वहा रह रहें लोगो द्वारा हाई कोर्ट की शरण ली गई है।