देहरादून। केदारनाथ में चोराबाड़ी ताल से लगभग तीन किमी ऊपर आज सुबह छह बजे फिर से हिमस्खलन हुआ है। इस बार, छोटा ग्लेशियर का कोई हिस्सा टूटा है। बीते नौ दिनों में हिमस्खलन की यह तीसरी घटना है। हालांकि पूरे क्षेत्र में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। केदारनाथ में मौजूद गढ़वाल मंडल विकास निगम के एक कर्मचारी ने बताया की शनिवार देर शाम मध्य रात्रि तक केदारनाथ में काफी बारिश हुई, जिस कारण ऊपरी पहाड़ियों पर भारी हिमपात हुआ है। पिछले कई दिनों से यहां पहाड़ियों पर हिमपात से भारी मात्रा में नई बर्फ जम रही है, जिसके बोझ से ग्लेशियर टूट रहे हैं। वाडिया संस्थान से सेवानिवृत्त हो चुके ग्लेशियर वैज्ञानिक डा. डीपी डोभाल ने बताया कि हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियरों का टूटना सामान्य घटना है। लेकिन यह केदारनाथ से 6 से 7 किमी ऊपर हो रही है, इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता है। बरसाती सीजन के आखिरी चरण से हिमालय क्षेत्र में नियमित बर्फबारी होने लगती है जिससे कई बार छोटे-छोटे ग्लेशियर नई बर्फ का बोझ नहीं सह पाते और हिमस्खलन हो जाता है। हिमस्खलन से निकलने वाला धुआं बर्फ का पाउडर होता है, जिससे उस क्षेत्र में कुछ समय के लिए शीत हवाएं चलती हैं। इससे कोई नुकसान नहीं होता है लेकिन जून 2013 की आपदा को ध्यान में रखते हुए हिमालय क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हुए सतर्क रहने की जरूरत है। केदारनाथ मंदिर के पीछे पहाड़ी क्षेत्र में एवलांच (हिमस्खलन) की घटना को शासन ने गंभीरता से लिया है। बार-बार हिमस्खलन होने और संभावित नुकसान को देखते हुए इसके अध्ययन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन सविन बंसल की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। आदेश के मुताबिक जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की ओर से अवगत कराया गया है कि 22 सितंबर को शाम साढ़े चार बजे केदारनाथ मंदिर से लगभग तीन से चार किमी पीछे पहाड़ी से आंशिक हिमस्खलन हुआ है। इसके बाद एक अक्तूबर को शाम साढ़े पांच बजे के आसपास मंदिर से छह से सात किमी पीछे फिर से आंशिक हिमस्खलन हुआ है। इसमें किसी प्रकार की जान-माल की क्षति नहीं हुई है, लेकिन संभावित खतरे को देखते हुए उक्त क्षेत्र के सर्वेक्षण और स्थलीय अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति प्राथमिकता के साथ अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपेगी।