देहरादून। अंकिता भंडारी के परिजनों ने सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। उनका अंदेशा है कि प्राइमरी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेरबदल हो सकता है। इसके चलते अंकिता के भाई ने सरकार से दोबारा पोस्टमार्टम कराने की मांग उठाई है।
वहीं, अंकिता के पिता का कहना है कि प्रशासन ने जल्दबाजी में रिजॉर्ट में अंकिता का कमरा तोड़ दिया। उसमें सबूत हो सकते थे। अब जब पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आएगी तब ही अंकिता की अंत्येष्टि की जाएगी। वहीं, प्रशासन की टीम अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनानाने में जुटी है।
अंकिता हत्याकांड के विरोध में पूरे पहाड़ में लोगों में उबाल है। लोगों ने जगह-जगह धरना, प्रदर्शन कर गुस्से का इजहार किया। साथ ही दोषियों को तत्काल फांसी की सजा देने की मांग की। वहीं, सुबह इस दौरान कांग्रेस, वामपंथी संगठन, छात्र संगठन के लोग मोर्चरी के आगे बदरीनाथ हाईवे पर धरने पर बैठ गए। अधिक संख्या में लोग होने के कारण रास्ता जाम हो गया। जिसके चलते सडक़ के दोनों ओर वाहन फंस गए। ट्रैफिक कोटेशवर और कीर्तिनगर से डाइवर्ट कर दिया। लोगों का कहना है कि अंकिता कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। अंकिता के भाई को भी नौकरी दी जाए। वहीं, श्रीनगर बाजार भी आज बंद रखा गया।
अंकिता हत्याकांड पर महिलाएं भी मुखर हो रही हैं। उनका कहना है कि युवतियों को गलत काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इनकार करने पर हत्या की जा रही है। सभासद सविता भट्ट ने कहा कि भाजपा भ्रष्टाचारियों व अपराधियों को शह दे रही है। सरकार की शह पर प्रदेश में अपराध फलफूल रहा है। स्थिति यह है कि भाजपा जिन्हें सरकार में दायित्व दे रही है उनके बच्चे आम लोगों की बेटियों को अपनी हवस का शिकार बनाने पर तुले हैं। सभासद कविता जोगेला ने कहा कि प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था बनाने में असफल है।
हत्यारों पर सख्त कार्यवाही हो: हाजी अब्दुल मतीन
हल्द्वानी। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रभारी हाजी अब्दुल मतीन सिद्दीकी ने अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड पर अपना गहरा रोष व्यक्त करते हुए प्रेस नोट जारी कर एक बयान में कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिल्कुल चोपट है। हत्या, लूट, चोरी, डकैती, बलात्कार जैसी घटनाएं आम बात हो गई है। विशेष रूप से सत्ता से जुड़े लोगों को तो कानून का बिल्कुल डर नहीं है। जिसका प्रत्यक्ष उधारण अंकिता भंडारी हत्याकाण्ड है। भापजा नेता के नशे मे चूर बेटे ने पहले मासूम बेटी को वैश्यावृत्ति में धकेलना चाहता था, लेकिन अंकिता के इंकार करने पर उसकी बेहरेहमी से हत्या कर दी। सिद्दीकी ने कहा कि ऐसे घिनौने अपराध के लिये इस केस मे जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही हो। दोषियों को कम से कम फांसी की सजा होनी चाहिये। साथ ही अंकिता के परिवार को 50 लाख की सजा आर्थिक मदद करनी चाहिये।