- सभा के बाद रैली निकाल भगतसिंह प्रतिमा पर माल्यार्पण
रुद्रपुर। शाहीदे आज़म भगत सिंह के जन्म की 115 वीं सालगिरह पर मज़दूर सहयोग केंद्र के बैनर
तले अंबेडकर पार्क रुद्रपुर में सभा आयोजित हुई। सभा के बाद रैली निकालकर भगतसिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस दौरान मज़दूर विरोधी चार लेबर कोड, निजीकरण और मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 13 नवंबर को मासा के आह्वान पर दिल्ली चलने का आह्वान किया। युवा दलित नेता जगदीश चंद्र और अंकिता की निर्मम हत्या पर रोष प्रकट करते हुए पीड़ित परिवारों को न्याय देने की भी मांग उठाई। साथ ही मजदूर नेता शंकर गुहा नियोगी, को याद कर श्रद्धांजलि दी गई। 1991 में आज के ही दिन पूँजीपतियों ने हत्या कर दी थी।
वक्ताओं ने कहा कि याद करें शहीदे आज़म भगत सिंह का दौर जब अंग्रेजों ने मज़दूर आबादी के लिए खतरनाक ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट और घातक पब्लिक सेफ्टी बिल जैसे क़ानून बनाए थे।
वक्ताओं ने कहा कि भगत सिंह ने ग़ुलाम भारत की जिस संसद में बम फेंका था, उसी संसद में आज मज़दूरों को बंधुआ बनाने वाले और उससे भी खतरनाक चार श्रम संहिताएं (लेबर कोड्स) पास किए जा चुके हैं। मोदी सरकार उसे पूरे देश में एक साथ लागू करने में जुटी है। जब देश में आज़ादी के 75 साल पूरे हो रहे हैं और मोदी सरकार देश में “अमृत महोत्सव” मना रही, तब देश की मेहनतकश जनता देसी-विदेशी पूंजी की गुलामी में बुरी तरह पिस रही है। नोटबंदी से कोरोना महामारी तक मोदी सरकार की पूंजीपरस्त नीतियों से मुनाफाखोर जमात पूंजी की बादशाह बन गई है। बुनियादी हक़ के लिए अपनी संग्रामी एकता को मजबूत करना होगा, अपनी मुक्तिकमी आवाज़ को बुलंद करना होगा! तभी सत्ता के बहरे कानों तक आवाज़ पहुंचेगी।
इस दौरान विक्रम सिंह,दीपक सनवाल,दुर्विजय सिंह, हरेन्द्र सिंह,सुब्रत विश्वास,अमर सिंह,चंद्रमोहन लखेड़ा, बालकरन सिंह,राजू सिंह,रविन्द्र सिंह,सुरेन्द्र सिंह रावत, कुलविंदर सिंह आदि शामिल थे।