- धान खरीद में आ रही दिक्कतेंऔर पराली जलाने पर लगाए गए प्रतिबंध पर जताया रोष, शनिवार को मंडियां बंद करने की दी चेतावनी
रूद्रपुर। जनपद में पराली जलाने पर लगाए गए प्रतिबंध और धान खरीद में अव्यवस्थाओं के खिलाफ किसानों ने गल्ला मण्डी में विरोध प्रकट करते हुए धरना दिया। इस मौके पर सभा भी आयोजित हुई। तीन के भीतर व्यवस्थाएं न सुधरी तो धान केन्द्र बंद करा दिए जायेंगे। किसान नेताओं ने डीएम के आदेश को तुगलगी फरमान बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि शासन प्रशासन किसानों पर अत्चाचार कर रहा है। सरकार की गलत नीतियों के चलते पहले ही किसान परेशान है और संघर्ष करता आ रहा है। अब पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाकर किसानों का शोषण किया जा रहा है। वक्ताओं ने कहा कि प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान जिम्मेदार नहीं है यह बात सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है। उद्योगों से जो प्रदूषण हो रहा है उसे प्रशासन नजरअंदाज करके किसानों पर नये नये नियम थोप रहा है। पराली के अवशेषों से मात्र दस प्रतिशत प्रदूषण होता है जबकि उद्योगों से कई गुना अधिक प्रदूषण हवा में फैल रहा है इसको लेकर प्रशासन मौन है। किसानों ने कहा कि प्रशासन अगर पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा ही रहा है तो इसके बदले किसानों को प्रतिएकड़ पांच हजार मुआवजा दे। क्यों कि पराली नहीं जलाने से किसानों को पांच हजार प्रति एकड़ का नुकसान होगा। किसानों ने एक स्वर में पराली जलाने की अनुमति पूर्व की तरह देने की मांग की। साथ ही किसानों ने धान खरीद में हो रही अव्यवस्थाओं को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की। किसानों का कहना था कि धान खरीद धान खरीद के लिए सरकार ने पोर्टल में रजिस्टेशन अनिवार्य कर दिया है लेकिन पोर्टल नहीं खुल पाने के कारण किसान रजिस्टेशन नहीं कर पा रहे हैं जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान किसान आयोग के उपाध्यक्ष राजपाल सिंह, एडीएम जयभारत सिंह और हल्द्वानी से पहुंचे आरएफसी डीएस चलाल ने किसानों से वार्ता की। उपाध्यक्ष ने कहा कि किसानों का शोषण नहीं होने दिया जायेगा। उन्होंने अव्यवस्थाओं के समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान तराई किसान संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष तजेन्द्र सिंह विर्क ने धान खरीद में आ रही दिक्कतों को दूर करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि प्रशासन ने तीन दिन के भीतर अव्यवस्थाओं को दूर नहीं किया तो जिले की मंडियां बंद कर दी जायेगी। इस मौके पर ठाकुर जगदीश सिंह, विक्रमजीत सिंह,अमन ढिल्लो, गुरजीत सिंह चीमा, जसबीर सिंह, हीरा सिंह, पाल सिंह, प्रगट सिंह, विक्रम सिंह, मलूक सिंह, बलजीत सिंह ढिल्लो, हरदीप सिंह, कुक्कू सिंह आदि समेत कई किसान मौजूद थे।