नई दिल्ली। ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के बाद कितनी धूल और धुएं का गुबार पैदा होगा और उसे छंटने में कितने घंटे लगेंगे व दायरा कितना होगा। प्रदूषण विभाग इसका अनुमान अभी नहीं लगा पा रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि ट्विन टावर से दो किमी के दायरे में प्रदूषण रहने की संभावना है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने बुधवार को मौके पर निरीक्षण किया। इस दौरान ट्विन टावर से डेढ़ किमी की दूरी तक प्रदूषण मापने की दो मशीनें लगाने का फैसला किया गया है। इसके लिए जगह चिह्नित की जा रही है। बोर्ड के एई पीपी सिंह ने बताया कि ट्विन टावर गिरने पर कितना प्रदूषण होगा, इस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। डेढ़ किमी के दायरे में दो मशीनें लगाई जा रही हैं। उसी समय पता चल सकेगा कि प्रदूषण की स्थिति क्या है और कब तक रहेगा। प्रदूषण से निबटने के जो भी इंतजाम पहले से किए जा सकते हैं। उन्हें लेकर दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। प्राधिकरण भी इंतजाम कर रहा है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि यूपी में पहली बार इतनी ऊंची इमारत का ध्वस्तीकरण हो रहा है। धूल कहां तक जमेगी और प्रदूषण का असर आसपास के इलाके में कब तक रहेगा, अभी कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। यह सब कुछ 28 अगस्त से पहले और उसी दिन मौसम पर निर्भर करेगा। यदि हवा का बहाव तेज होगा तो दो किमी से भी अधिक दायरे को प्रदूषण चपेट में ले लेगा और बारिश हो गई तो सब कुछ नियंत्रित हो जाएगा। बारिश नहीं होती है और हवा तेज चलती है तो धूल से वातावरण तेजी से प्रदूषित हो जाएगा। प्रदूषण की वजह से आसपास रहने वाले लोग कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। धूल के बारीक कण दूर तक जाएंगे। ऐसे में जिन लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें हैं, उन्हें अधिक परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, इस समय सामान्यता पूर्वी हवा चलती है, या फिर हवाओं का रुख दक्षिण पूर्वी होता है। 28 अगस्त को हवाओं की रफ्तार 15-20 किमी रहने का पूर्वानुमान है। राहत की बात यह है कि रविवार को बूंदाबांदी भी हो सकती है।