नई दिल्ली।आज सुबह पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे देश के पूर्व पीएम शिंजो आबे के लिए यह कार्यक्रम आखिरी साबित हुआ। उन पर एक पूर्व नौसैनिक ने पीछे से हमला कर दिया और दो गोलियां दागकर उन्हें मरणासन्न कर दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब 6 घंटे तक वह मौत से लड़ते रहे, लेकिन बचाया नहीं जा सका। शिंजो आबे को भारत से अच्छे रिश्तों और पीएम नरेंद्र मोदी के दोस्त के तौर पर भी याद किया जाए। वह करीब 8 साल तक जापान के पीएम रहे और इस दौरान उन्होंने पूर्वी एशियाई देश को भारत के करीब लाने का काम किया था।
शिंजो आबे के दौर में भारत और जापान इतने करीब आए कि वैश्विक मंच पर भी उसकी धमक सुनी गई। इसका असर हम क्वाड के गठन के तौर पर भी देख सकते हैं, जिसे चीन ने एक चुनौती के तौर पर देखा। 21 सितंबर, 1954 में एक राजनीतिक परिवार में जन्मे शिंजो आबे को प्यार से ‘प्रिंस’ कहा जाता था। उनके दादा नोबुसुके किशि भी जापान के 1967 से 1960 तक देश के प्रधानमंत्री थे। इसके अलावा पिता शिनात्रो आबे भी 1982 से 1986 तक देश के विदेश मंत्री थे। एक बड़े राजनीतिक परिवार से आने के बाद भी शिंजो आबे का जीवन बेहद सादगी से भरा था और शायद यही वजह थी कि वह जापान में काफी लोकप्रिय हुए।