कासगंज । कासगंज जिले के 50 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पहाड़ों पर बादल फटने और भारी बारिश होने से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। अभी तक कई तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के पानी की दस्तक थी, लेकिन अब हरिद्वार और बिजनौर बैराज से मीडियम फ्लड लेवल से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा। जिसको देखते हुए सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। आगामी दो-तीन दिन बेहद संवेदनशील हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ने पर 50 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। सिंचाई विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उधर, पटियाली तहसीला के बरौना गांव में सिंचाई विभाग के लगातार प्रयासों के बावजूद कटान पर अंकुश नहीं लग पा रहा। गंगा की धारा लगातार कटान कर रही है, जिससे बरौना गांव के अस्तित्व पर खतरा बरकरार है। हर कोई गंगा में समाती जमीन को देखकर चिंतित है। दो सप्ताह पहले गंगा में लो फ्लड के हालात बने हुए थे। जिसका प्रभाव 20 से अधिक गांवों तक था, लेकिन दो दिन से गंगा के जलस्तर में कमी आने के कारण करीब 55 सेंटीमीटर की गिरावट जलस्तर में हुई थी। जिससे राहत की उम्मीद नजर आ रही थी, लेकिन इस राहत की उम्मीद ने आफत की आशंका पैदा कर दी है। हरिद्वार से पिछले 24 घंटे में करीब 1.80 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि बिजनौर बैराज से करीब 80 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। रविवार शाम से बिजनौर का पानी नरौरा बैराज पर आना शुरू हो जाएगा। इस पानी के दबाव को नियंत्रित करने के लिए नरौरा से भी पानी छोड़ा जाएगा। इसके कारण गंगा का जलस्तर में बढ़ सकता है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। दतलाना, उढ़ेर, नगला दल, लहरा, बमनपुरा, अजीत नगर, किसौल, किलौनी, उलाईखेड़ा, शहबाजपुर इलाके के खेतों में पहले से ही पानी भरा हुआ है। दोबारा बाढ़ के हालात बनते ही यह पानी आबादी तक दस्तक दे सकता है।